भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। सर्दी का सीजन चल रहा है। दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे में ज्यादातर लोगों के लिए सर्दी-खांसी से परेशानी बन जाती है। मौसम ठंडा होने का सबसे ज्यादा असर बुजुर्ग और बच्चों की सेहत पर पड़ता है। सर्द खुली हवा में रहने पर जरा सी देर में जुकाम हो जाता है। सर्दियों में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर जल्दी ही बीमारी की चपेट में आ जाता है। ख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डा.एके द्विवेदी बताते हैं कि आपको अपने आहार में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए और कुछ घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए, जिससे जुकाम, खांसी की समस्या दूर रहे।
जुकाम-खांसी से बचने के लिए घरेलू नुस्खे
हल्दी वाला दूध - ठंड में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना चाहिए। हल्दी के दूध की तासीर गर्म होती है और इसमें एंटीबायोटिक गुण भी होते हैं। इसलिए किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाने में हल्दी का दूध कारगर है।
अदरक का रस व शहद- सर्दी होने पर अक्सर आपने लोगों को शहद अदरक का रस पीते हुए देखा होगा। अगर आपको जुकाम हो गया है तो आप दिन में 3 बार एक चम्मच अदरक का रस निकालकर इसे शहद में मिलाकर हल्का गर्म करके पीना चाहिए। इससे आपका जुकाम 1-2 दिन में ही ठीक हो जाएगा।
भाप लें - सर्दी, खांसी से बचने के लिए आपको नियमित रूप से भाप जरूर लेनी चाहिए। भाप लेने से जुकाम में बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है। आप सादा पानी से भाप ले सकते हैं या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री आयल, यूकेलिप्टस आयल, लेमनग्रास आयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं। इससे गले की खराश और जकड़न भी कम होगी।
लौंग, तुलसी, काली मिर्च का सेवन- खांसी-जुकाम की समस्या होने पर आप लौंग का सेवन करें। लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें। इससे आपको खांसी में काफी राहत मिलेगी। खांसी, जुकाम में आप तुलसी, काली मिर्च व अदरक की चाय या काढ़ा भी पी सकते हैं। इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा।
च्यवनप्राश खाएं - आयुर्वेद में च्यवनप्राश को एक औषधि माना गया है। ठंड के सीजन में आपको रोज रात में सोते वक्त च्यवनप्राश के साथ एक ग्लास दूध पीना चाहिए। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहेगी और आप कई तरह के इन्फेक्शन से बच सकते हैं। च्यवनप्राश के सेवन से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है।
ठंड में सर्दी-जुकाम की समस्या बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा होती है। घरेलू उपाय कर इन परेशानियों से बचा जा सकता है। यह काफी कारगर है।
- डा. एके द्विवेदी, होम्योपैथी विशेषज्ञ