
हेल्थ डेस्क, इंदौर Heart Disease। युवाओं में बढ़ते हृदय रोग एवं हार्ट अटैक के मामले चिंता का विषय है। युवाओं में होने वाले हृदय रोगों के लिए प्रमुख कारण में तंबाकू (धूम्रपान/पान मसाला), अस्वस्थ जीवनशैली, तनाव, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह शामिल है।
नवीन शोधों में पता चला है कि वायु और खाद्य प्रदूषण (माइक्रो नैनो पार्टिकल्स) भी बढ़ती हृदय रोग बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। कोविड महामारी के बाद भी युवाओं में हृदयाघात के मामले बढ़े थे, जिसके ऊपर काफी शोध हुआ है। फैमिली हिस्ट्री एवं अनुवांशिक कारण भी युवाओं में हृदय की बीमारी का एक प्रमुख कारण है।
युवाओं को स्वस्थ आहार, नियंत्रित वजन और नियमित व्यायाम का पालन करना चाहिए। इससे न केवल स्वस्थ रहेंगे बल्कि कोलेस्ट्राल नियंत्रित रहेगा। रक्तचाप नियंत्रण में तो रक्त प्रवाह में मदद करता है।
तंबाकू और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए। शराब से भी दूरी बनाएं।
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आजकल की आपाधापी की दुनिया में तनाव का होना स्वाभाविक है लेकिन योग प्राणायाम की सहायता से तनाव को कम किया जा सकता हैद्य।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह से बचें एवं अगर आप इनके मरीज हैं, तो इन्हे नियंत्रण में रखें। अपने स्वास्थ्य का परीक्षण समय-समय पर कराते रहें।
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तमाम लोग अपने स्वास्थ्य की देखभाल के प्रति लापरवाह होते हैं। हृदय की बीमारी व हार्ट अटैक के लक्षण दिखने के बाद भी समय पर उपचार नहीं कराते हैं जिससे बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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