हेल्थ डेस्क, इंदौर। अर्जुन एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को दिल की मांसपेशियों को मजबूत करने, उन्हें टोन करने और हृदय को ऊर्जा देने के लिए एक प्रमुख औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल का सेवन हृदय के सभी पहलुओं का समर्थन करने और इसके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार सवलिया (बीएएमएस, आयुर्वेद) के अनुसार, अर्जुन की छाल का सबसे प्रभावी उपयोग अर्जुन की छाल की चाय के रूप में होता है। इस लेख में हम अर्जुन की छाल के फायदे और उसकी चाय बनाने का तरीका साझा कर रहे हैं।
डॉ. दीक्षा के अनुसार, अर्जुन की छाल की चाय बनाना बहुत आसान है और यह स्वाद में भी अच्छा होता है। इसके लिए 10 ग्राम अर्जुन की छाल का काढ़ा 400 मिलीलीटर पानी में 8 घंटे के लिए भिगो दें। फिर इसमें 400 मिली गाय का दूध डालें और उबालें।
चाय को तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए। चाय छानकर एक कप में पिएं। आप इसमें एक चुटकी दालचीनी भी डाल सकते हैं। यदि आप छाल को 8 घंटे तक भिगोने का समय नहीं निकाल सकते, तो आप इसे तुरंत पानी और दूध के साथ उबाल सकते हैं, यह भी असरदार रहेगा।
अर्जुन की छाल की चाय दिल के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल और रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करती है। हृदय की पंपिंग क्षमता को सुधारने और मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक होती है।
इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को शक्ति प्रदान करते हैं।
यह हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन उपाय है।
विशेषज्ञ की सलाह
अर्जुन की छाल की चाय एक बेहतरीन औषधि है। आप इसे न सिर्फ खुद, बल्कि अपने परिवार के सदस्य को भी दे सकते हैं, खासकर रात 9 बजे के बाद। हालांकि, अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को हृदय संबंधी समस्याएं हैं, तो चाय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें