मूत्राशय के कैंसर के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
मूत्राशय के कैंसर का एक अन्य कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी है। पढ़ें :
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Publish Date: Thu, 19 Nov 2015 06:58:28 PM (IST)
Updated Date: Fri, 20 Nov 2015 06:01:22 AM (IST)

बुजुर्गों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना एक बड़ी समस्या है। इसके दो कारण होते हैं। पहला- बीपीएच यानी बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाजिया, दूसरा- कैंसर। दोनों बीमारियों के लक्षण समान हैं। बीपीएच बढ़ती उम्र (मध्य आयु और इसके बाद) में किसी व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले सकती है।
इसके अलवा अनुवांशिक और हॉर्मोनल प्रभाव भी हैं। औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक जो विभिन्न रसायनों और विषैले तत्वों के संपर्क में रहते हैं, उनमें इस रोग के होने की आशकाएं बढ़ जाती हैं। मूत्राशय के कैंसर का एक अन्य कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन भी है। इसलिए किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। तत्काल यूरोलॉजिस्ट की सलाह लेकर जांच कराएं।
लक्षण के दो प्रकार
रुकावट वाले- ऐसे करें पहचान
- पेशाब धीरे-धीरे आना।
- पेशाब में ताकत लगना।
- पेशाब रुक-रुक कर होना।
- पेशाब शुरू करने में समय लगना, खत्म करने में भी।
- बूंद-बूंद पेशाब टपकना।
- पेशाब हो जाने के बाद भी पेशाब के बचे होने का अहसास होना।
पेशाब का बार-बार आना
ऐसे पहचानें
- पेशाब सामान्य से ज्यादा बार आना।
- पेशाब करने जाते-जाते कपड़े गीले हो जाना। पेशाब में जलन होना, खून आना।
ये हैं बीमारियां
- यूरीन ट्रैक्ट इंफेक्शन (पेशाब की थैली में संक्रमण)
- बढ़ती उम्र में प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ना।
- पेशाब नली में सिकुड़न होना।
- पेशाब की थैली में पथरी होना।
- पेशाब की थैली का ट्यूबरकुलोसिस।
- पेशाब और प्रोस्टेट थैले के कैंसर।
- बच्चों में प्रोस्टिरियल यूरिथल बाल्ब।