Children Health: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बचपन मिला सही पोषण पूरी उम्र स्वस्थ रहने में मददगार साबित होता है। दूध पर घर शिशु के लिए जितना आवश्यक मां का दूध है उतना ही जरूरी ठोस आहार ग्रहण करने वाले बालक के आहार में पोषक तत्वों का होना जरूरी है।
आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डा. शिवानी लोढ़ा के अनुसार अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि बचपन से ही सही भोजन किया जाए और भोजन करने का तरीका भी उचित हो। कई बार देखा गया है कि अभिभावक बच्चों की खुशियों को इतना तवज्जो देते हैं कि वह उन्हें भोजन भी वही कराते हैं जो बच्चों को पसंद हो और इसमें जंग फूड की मात्रा सबसे ज्यादा होती है जबकि जंग फूड के रूप में दिया गया प्यार बच्चों की सेहत के लिए खिलवाड़ साबित हो सकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को ऐसा भोजन दे जो पोषक तत्वों से भरा हो।
पोषणयुक्त भोजन बच्चों को बलपूर्वक नहीं खिला सकते लेकिन उसे रूचिकर बनाकर तो खिलाया ही जा सकता है। बच्चों को दिया जाने वाला भोजन केवल पोषक तत्वों से युक्त ही नहीं बल्कि स्वादिष्ट और दिखने में भी आकर्षक होना जरूरी है। सबसे पहले सुनिश्चित करें कि बच्चों के भोजन में दाल, सब्जी, रायता, दही सब जरूर शामिल हो। बच्चे हरी सब्जी खाने से कतराते हैं ऐसे में जो सब्जी या दाल बच्चे को पसंद है उसके साथ हरी सब्जी परोसें। यह सब्जी इस तरह से बनाई जाए जो स्वाद और देखने में बच्चे को पसंद आए। इसका लाभ यह होगा की बच्चा एक बार तो जरूर उस सब्जी को चखेगा और जब उस सब्जी का स्वाद उसे पसंद आ जाएगा तो फिर वह उसे खाने में कतराएगा नहीं।
एक तरीका यह भी हो सकता है कि हरी सब्जी नहीं खाने वाले बच्चों को रोटी या पराठे के लिए गूंधे जाने वाले आटे में हरी सब्जी मिला कर दें। इससे बच्चे को सब्जी के पोषक तत्व मिलेंगे। शाम के नाश्ते में बच्चों को चिप्स, बिस्कट, नूडल्स बिल्कुल ना दें इसके स्थान पर उन्हें पोष्टिक आहार दें। इसमें उपमा, ढोकला, खमंड, अंकुरित अनाज की चाट, नमकीन ओट्स आदि शामिल हो सकता हैं। बच्चे को मीठा पसंद है तो हलवा बना दें, घर के बने लड्डू, खाखरे, रोटी को हल्का सा तलकर उस पर पनीर या चीज और मसाला डालकर भी दे सकते हैं।
पराठे में पनीर, चीज या मक्खन लगाकर दे सकते हैं क्योंकि दिन में खेलने के बाद बच्चों को भूख लगती है और उन्हें सेहतमंद भोजन देने की जरूरत होती है। इस वक्त उन्हें तरह-तरह के मिल्क शेक भी दिए जा सकते हैं। बच्चे के सोने के वक्त से पहले दो घंटे पहले भोजन करा दें ताकि भोजन पच जाए और पेट संबंधित समस्या उसे न हो। बच्चों को जंकफूड देने से रोका नहीं जा सकता लेकिन सप्ताह में दिन तयकर जंकफूड की आदत को कम किया जा सकता है।
Posted By: Sameer Deshpande
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