लाइफस्टाइल डेस्क। आमतौर पर पपीता खाना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। सुबह खाली पेट पपीता खाने से जहां पाचन में सुधार होता है, वहीं अपच, गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। हालांकि हद से ज्यादा पपीता खाने से कई शारीरिक समस्याएं भी हो सकती है। डाइटिशियन मीना कोरी इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही है।
पपीते में पपेन नामक एक पाचक एंजाइम होता है, जिसके संपर्क में आने पर त्वचा में जलन हो सकती है। बहुत अधिक पपीता खाने से शरीर में पपेन का स्तर बढ़ जाता है। इस कारण स्किन पर लाल चत्ते या जलन की समस्या हो सकती है।
बहुत अधिक पपीता खाने से एलर्जी भी हो सकती है। पपीते में मौजूद प्रोटीन के बीच क्रॉस-रिएक्टिविटी के कारण पपीते से एलर्जी हो सकती है। पपीते से होने वाली एलर्जी के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन और घरघराहट हो सकती है।
पका पपीता खाने से दस्त, पेट में ऐंठन और सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा पपीते में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री रेचक का प्रभाव उत्पन्न करती है।
कच्चे पपीते में पपेन नामक पदार्थ ज्यादा होता है, जो गर्भाशय संकुचन को उत्तेजित कर सकता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
यदि खाली पेट बहुत अधिक पपीता खाते हैं तो किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। पपीते में विटामिन सी बहुत अधिक होता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है।
खाली पेट बहुत अधिक पपीता खाने से स्किन पर भी एलर्जी हो सकती है। पपीते में मौजूद लेटेक्स के कारण त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। पपीते का सेवन करने से कब्ज ठीक होता है, लेकिन ज्यादा सेवन करने पेट खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।