National TB Prevalence Survey: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टीबी के सबसे अधिक केस सामने आए हैं। वहीं केरल में यह आंकड़ा सबसे कम है। यह जानकारी राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण 2019-2021 की रिपोर्ट में सामने आई है। खास बात यह है कि इस तरह का सर्वे 60 साल में पहली बार किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने World TB Day के मौके पर इसे जारी किया। रिपोर्ट से यह खुलासा भी हुआ कि भारत की 64% टीबी रोगसूचक आबादी ने 2019-2021 के बीच स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठाया। रिपोर्ट के मुताबिक, हर 1 लाख की आबादी पर दिल्ली में जहां सबसे अधिक 534 मरीज मिले, वहीं देश में सबसे कम 115 मरीज केरल में मिले।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में टीबी के कितने मरीज
रिपोर्ट के मुताबिक, टीबी के मरीजों के मामले में राजस्थान दूसरे पर नंबर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हैं। छत्तीसगढ़ में जहां 1 लाख की आबादी पर 454 टीबी मरीज मिली, वहीं मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 386 रहा। इस तरह भारत में हर एक लाख की आबादी पर औसत 312 टीबी मरीज मिले हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा औसत 127 है।
टीबी की बीमारी: पुरुषों की तुलना में महिलाओं को खतरा कम
रिपोर्ट से यह भी साफ हुआ है कि देश में पुरुषों को टीवी की बीमारी का खतरा अधिक है। इसमें पाया गया कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी में टीबी का प्रसार 31.7% है। इससे यह भी पता चला कि महिलाओं में टीबी का प्रसार पुरुषों (472 प्रति लाख) की तुलना में कम 154 प्रति लाख है।
टीबी की रोकथाम पर कोरोना महामारी का असर
कोरोना महामारी के कारण टीबी की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियानों पर असर पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी ने वैश्विक स्तर पर टीबी नियंत्रण कार्यक्रमों के उपायों को प्रभावित किया और अधिक बोझ वाले देशों में देखभाल और उपचार सेवाओं को प्रभावित किया था।