नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। इसी के साथ पेट संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए आधुनिक तकनीक आ गई है, जिससे बिना तकलीफ के मरीजों को इलाज मिलने लगा है। साथ ही मरीज के स्वस्थ होने की संभावना भी बढ़ गई है। यह बात इंडियन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (ISG) के इंदौर चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक बैठक के पहले दिन डॉ. अरुण सिंह भदौरिया ने कहीं। कॉफ्रेंस में पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञों ने नवीनतम एंडोस्कोपिक तकनीकों, लाइव डेमो और इंटरएक्टिव सत्रों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवाचारों पर चर्चा की। इंदौर सहित आसपास के जिलों से आए डाक्टर आधुनिक इलाज की तकनीकों से रूबरू हुए। ताकि छोटे जिलों में भी इन तकनीकों के माध्यम से मरीजों को इलाज मिल सके।
डॉ. अरुण सिंह भदौरिया ने इसके साथ ही कहा कि अब थर्ड स्पेस एंडोस्कापी का जमाना आ गया है, जिससे पेट की गंभीर बीमारियों का बिना बड़े आपरेशन के इलाज संभव हो गया है। इसमें भोजन की नली या पेट की सिर्फ अंदरूनी सतह पर ही काम नहीं करते, बल्कि उसकी दीवार की परतों के बीच जाकर बीमारियों का इलाज करते हैं। यह शरीर पर कोई बड़ा चीरा लगाए बिना, अंदर ही अंदर ऑपरेशन करने जैसा है। इन तकनीकों से भोजन नली की मांसपेशियों की जकड़न या शुरुआती स्टेज के ट्यूमर जैसी गंभीर समस्याओं का इलाज किया जाता है। इसके माध्यम से मरीज अस्पताल से भी जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है और कुछ ही दिनों में वापस अपने काम पर भी लौट जाता है।
ISG के अध्यक्ष डॉ. हरिप्रसाद यादव ने बताया कि अब पेट की कई गंभीर समस्याओं का इलाज बिना चीरफाड़ के लेजर और दूरबीन से संभव हो गया है। पित्त की थैली, पित्त नली और पेनक्रियाज की पथरी का इलाज अब एंडोसोनोग्राफी तकनीक से किया जा सकता है। यह एक तरह की विशेष अल्ट्रासाउंड तकनीक है जिससे पेट के अंदर की संरचना को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। साथ ही पेट के अंदर बनने वाली गांठों (ट्यूमर या सिस्ट) का इलाज भी अब दूरबीन तकनीक से किया जा रहा है। इससे मरीज को बड़े ऑपरेशन से बचाया जा सकता है। कॉफ्रेंस में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, लिवर और पैंक्रियाज से जुड़ी बीमारियों की नई रिसर्च पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि पेट दर्द, पाचन की समस्या या लंबे समय से चल रही गैस और अपच को नजरअंदाज न करें और समय रहते विशेषज्ञ से जांच कराएं।