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Water Birth Delivery । बीते कुछ सालों में बेबी बर्थ डिलीवरी को लेकर महिलाओं के साथ-साथ उनके परिजनों में भी काफी जागरुकता बढ़ी है। यदि कारण है कि डिलीवरी के दौरान आजकल महिलाओं को पहले की तुलना में कम कॉम्पलिकेशन झेलने पड़ते हैं। आमतौर पर गर्भवती महिला की डिलीवरी नार्मल या सी सेक्शन डिलीवरी के जरिए की जाती है, लेकिन आजकल Water Birth Delivery का चलन भी काफी बढ़ गया है। भारत में Water Birth Delivery इतनी प्रचलित नहीं है, लेकिन पश्चिमी देशों में अब यह पद्धति काफी उपयोग में लाई जा रही है।
Water Birth Delivery में पानी के अंदर बेबी की डिलीवरी कराई जाती है। इस पद्धति से बच्चे की डिलीवरी कराने के कई फायदे और नुकसान भी हैं। एक्सपर्ट की निगरानी के यदि Water Birth Delivery कराई जाए तो नवजात बच्चे के साथ-साथ गर्भवती महिला को भी कम दर्द होता है और संक्रमण का खतरा भी काफी कम होता है।
- वॉटर बर्थ डिलीवरी में फीटल संबंधित कॉम्प्लीकेशन्स बहुत कम होते हैं। इस प्रक्रिया में टेंस नर्वस और मसल्स को आराम मिलने में मदद होती है। महिला को ज्यादा दर्द नहीं होता है।
- वॉटर बर्थ के दौरान गर्म पानी का उपयोग किया जाता है और इस कारण यह प्राकृतिक दर्द निवारक के तौर पर काम करता है। शरीर के नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है। ब्लड प्रेशर लेवल भी स्थिर बने रहने में मदद मिलती है।
- Water Birth Delivery के कारण गर्भवती महिला का लेबर पैन टाइम भी कम होता है। महिला की डिलीवरी बहुत जल्द हो जाती है।
- Water Birth Delivery करने वाली कई महिलाओं का कहना है कि इससे तनाव कम होता है। साथ ही नवजात शिशु के जन्म के दौरान चोट लगने की आशंका भी काफी कम होती है।
Water Birth Delivery के ये नुकसान भी