Thyroid Disorders: थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो इन घरेलू उपायों को जरूर आजमाएं
Thyroid Disorders अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेद में शुरू से किया जाता रहा है। कई रिसर्च में पता चला है कि थायराइड हार्मोन के असंतुलन को
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 19 Apr 2023 11:20:08 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Apr 2023 11:20:08 AM (IST)

Thyroid Disorders । हमारे शरीर में हर कोशिका के सही तरीके से कार्य करने के लिए थायराइड ग्रंथि अहम भूमिका निभाती है। थायराइड ग्रंथि शरीर में केमिकल रिएक्शन की ग्रोथ और रेट को रेगुलेट करने में सहायक होती है। जब थायराइड ग्रंथि कम हार्मोन का निर्माण करती है, तो हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होती है, यहां जानें घरेलू उपायों के जरिए कैसे हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है -
सबसे लाइफस्टाइल में करें बदलाव
थायराइड की समस्या होने पर सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। साथ ही अपनी डाइट में भी जरूर चेंज करना चाहिए। कैफीन और शुगर से परहेज, प्रोटीन को डाइट में शामिल करने व अश्वगंधा का सेवन करने जैसे उपाय मुख्य हैं।
संतुलित डाइट का सेवन
हाइपोथायराइडिज्म से थकान व ब्लोटिंग महसूस होती है और वजन बढ़ता जाता है। ऐसे लोगों को पौष्टिक और संतुलित डाइट के सेवन से मदद मिल सकती है। मैदा या आर्टिफिशियल कलर व फ्लेवर का सेवन करने से बचना चाहिए। साबुत अनाज, सब्जियों व फलों का सेवन करना चाहिए। इम्यून सिस्टम बूस्ट करने से हाइपोथायरायडिज्म से छुटकारा मिलता है।
सोयाबीन प्रोडक्ट से करें परहेज
सोया प्रोडक्ट और सोयाबीन में गोइट्रोजेनिक कंपाउंड होते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म की समस्या को बढ़ा सकते हैं। थायराइड हार्मोन के लेवल में ज्यादा असंतुलन आ सकता है इसके अलावा हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होने पर ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए, जो थायराइड हार्मोन निर्माण में मदद करता है। एवोकाडो, नट्स, फ्लैक्स सीड्स, फिश व अखरोट में नेचुरल फैट्स होते हैं, जो शरीर में हार्मोन के स्तर को मेंटेन रखते हैं।
कैफीन व शुगर से करें तौबा
हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होने पर कैफीन और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना चाहिए। शुगर के सेवन से शरीर में सूजन भी बढ़ जाती है, जो थायराइड के लक्षणों को और खराब कर सकता है। प्रोटीन के ज्यादा सेवन करने से भी थायराइड ग्रंथि के फंक्शन को रेगुलेट किया जा सकता है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा नट्स, हरी सब्जियां, अंडे, मीट और दाल का सेवन कराना चाहिए। प्रोबायोटिक्स गट फ्री बैक्टीरिया होते हैं, जो डाइजेशन को ठीक करके मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। दही व कुछ खास तरह की चीज में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं।
अश्वगंधा का सेवन
अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेद में शुरू से किया जाता रहा है। कई रिसर्च में पता चला है कि थायराइड हार्मोन के असंतुलन को ठीक कर सकता है। इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज करने से भी मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है। रोजाना व्यायाम करने से थायराइड संबंधित लक्षण जैसे थकान, भूख न लगना व ऑस्टियोपोरोसिस को दूर किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर
स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।