Tratak Kriya: आंखों की रोशनी बढ़ाती है त्राटक क्रिया, लेकिन ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए अभ्यास
Tratak Kriya for eyes मिर्गी या सिज़ोफ्रेनिया जैसी मरीजों को त्राटक क्रिया का अभ्यास करने से बचना चाहिए
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 15 Mar 2023 01:24:51 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 Mar 2023 11:17:26 PM (IST)

Tratak Kriya for eyes। त्राटक क्रिया एक योग तकनीक है, जिसमें किसी विशेष वस्तु या फोकस बिंदु पर टकटकी लगाना शामिल है। Tratak Kriya के लगातार अभ्यास से कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं, जिनमें बेहतर एकाग्रता, कम तनाव और चिंता और आत्म-जागरूकता में वृद्धि शामिल है। साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। त्राटक क्रिया की अवधि व्यक्ति और अभ्यास के साथ उनके अनुभव के आधार पर भिन्न होती है। शुरुआत में रोज यह 10 से 15 मिनट तक की जा सकती है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी अवधि 30 तक बढ़ाई जा सकती है। यदि आप त्राटक क्रिया के लिए नए हैं तो एक योग्य योग शिक्षक से तकनीक सीखकर ही इसे करना चाहिए। क्योंकि इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं, खासकर ऐसे लोगों को Tratak Kriya करते समय सावधानी बरतनी चाहिए -
- मिर्गी या सिज़ोफ्रेनिया जैसी मरीजों को त्राटक क्रिया का अभ्यास करने से बचना चाहिए या अभ्यास करने से पहले स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, या नेत्रश्लेष्मलाशोथ जैसे नेत्र विकार वाले लोगों को भी त्राटक क्रिया का अभ्यास करने से बचना चाहिए, क्योंकि आंखों पर गहन ध्यान और तनाव इन स्थितियों को बढ़ा सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को भी त्राटक क्रिया का अभ्यास करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके अभ्यास से आंखों पर जोर पड़ता है और चक्कर आने या बेहोश होने का खतरा बढ़ सकता है। गर्भवती महिलाओं को योग व ध्यान करते समय सामान्य योगासनों को ही करना चाहिए।
- बहुत ज्यादा तनाव या डिप्रेशन महसूस करने पर या मानसिक तनाव होने पर भी त्राटक क्रिया का अभ्यास तब तक नहीं करना चाहिए। त्राटक क्रिया तनाव और चिंता को कम करने के लिए काफी उपयोगी होती है लेकिन विशेष परिस्थितियों में Tratak Kriya करने से पहले योगाचार्य से सलाह जरूर लेना चाहिए।