नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों की निरंतर निगरानी रखी जा रही है। जिसका परिणाम है कि कुल जिले की 334 पंचायतों में से 133 को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है। इन पंचायतों में अब एक भी टीबी का सक्रिय मरीज नहीं है।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023 में जिले में करीब 9446 मरीज रजिस्टर्ड है। वर्ष 2023 में 73 पंचायतें टीबी मुक्त थी, जिनमें से 51 पंचायतों में वर्ष 2024 में भी कोई मरीज नहीं मिला है। वहीं वर्ष 2024 में 82 पंचायतें इस वर्ष पहली बार टीबी मुक्त घोषित की गईं है।
इस उपलब्धि के लिए पंचायतों के सरपंचों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। नवीन एक वर्ष वाली पंचायतों को ‘ब्रांज अवार्ड’ तथा लगातार दो वर्षों से टीबी मुक्त रहने वाली पंचायतों को ‘सिल्वर अवार्ड’ प्रदान किया जाएगा।
बता दें कि 2024 में 124000 संभावित मरीजों की जांच की गई। इनमें से 10259 टीबी मरीजों की पुष्टि हुई, जिनमें से 216 मरीजों को रजिस्टर्ड टीबी रोगी के रूप में चिंहित किया गया है।
निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत शासन द्वारा रजिस्टर्ड मरीज के खाते में एक हजार रुपये मरीज के खाते में जमा किए जाते हैं। वर्ष 2024 में इस योजना के अंतर्गत 9235 मरीजों को 2.90 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है। जिससे मरीज को सुविधा मिल रही है। इसके अलावा निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत 751 मरीज रजिस्टर्ड है। जिन्हें 2600 फूड बास्केट वितरित किए गए है। इन पंचायतों में सर्वेक्षण किया गया, जिसमें किसी भी व्यक्ति में सक्रिय टीबी के लक्षण नहीं पाए गए। इसके बाद जिला स्तरीय वेरिफिकेशन टीम द्वारा सभी दावों का सत्यापन किया गया और अंततः इन पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया। - डॉ. बीएस सैत्या, सीएमएचओ