Yog Aasan: मुंह से नहीं आएगी दुर्गंध, कफ से मिलेगी राहत करें खेचरी मुद्रा का अभ्यास
योग विशेषज्ञों का कहना है कि खेचरी मुद्रा करने से गले में दर्द, जलन, कफ, सूजन, खराश की समस्या से मिलती है राहत
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sun, 16 Apr 2023 09:16:59 AM (IST)
Updated Date: Sun, 16 Apr 2023 09:25:27 AM (IST)

Khechri Mudra: बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। योग में खेचरी मुद्रा का अभ्यास करने से श्ारीर का इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इससे शरीर के कई प्रकार की बीमारी दूर होती है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि खेचरी मुद्रा गले में उपस्थित थायरायड ग्लैंड के सिक्रीशन को बढ़ाती है। जिससे मेटाबालिज्म इंप्रूव होता है। मेटाबालिज्म इंप्रूव होने से पेट के रोग नष्ट हो जाता है।
योग जानकारों का कहना है कि शरीर स्वस्थ रहता है और खाना ठीक से पचता है। प्राचीन समय में जब ऋषि-मुनि साधना करते थे और आसपास पीने के लिए पानी नहीं होता था तो वे खेचरी मुद्रा के माध्यम से ही अपनी भूख-प्यास पर नियंत्रण करते थे।
इस मुद्रा को करने से वजन भी कम किया जा सकता है, क्योंकि यह मुद्रा ओवरईटिंग को रोकती है। इस मुद्रा को करने से हमारी बाडी में सही मात्रा में हार्मोन निकलने से हमारा इम्युन सिस्टम स्ट्रांग होता है। जिसकी वजह से शरीर रोगों से दूर रहता है। गले में दर्द, जलन, कफ, सूजन, खराश समेत अन्य परेशानियां होन पर खेचरी मुद्रा लाभकारी है।
जिन लोगों को गले की दि-तें हैं, उन्हें यह ठीक करती है। खेचरी मुद्रा टांन्सिल्स की परेशानी को भी दूर करता है। इस मुद्रा को करने के बाद गले में आराम मिलता है। जिन लोगों को मुंह से बदबू आने की दिक्कत होती है, उनके लिए यह मुद्रा फायदेमंद है।
जब इस मुद्रा का अभ्यास किया जाता है तब मुंह से दुर्गंध बाहर निकलती है, साथ ही कफ भी बाहर निकलता है, जिससे मुंह का सफाई होती है। सही मात्रा में हार्मोन निकलने से हमारा दिमाग शांत होता है। जिसकी वजह से हमारे काम ठीक से होते हैं। तनाव दूर होता है। खेचरी मुद्रा को करने से मस्तिष्क की नस-नाड़ियों पर प्रभाव पड़ता है और इसे करने से मानसिक शांति मिलती है।