
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Yoga for Dizziness: चक्कर आना सामान्य बात है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। स्नान करते समय, वाहन चलाते समय, सीढ़ियां चढ़ते-उतरते वक्त चक्कर आने से गिरने से हड्डी टूटने का, सिर में चोट लगने और बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। यह अवस्था गंभीर होती है। अतः चक्कर की समस्या का समाधान करना अत्यधिक आवश्यक है। चक्कर आने के अनेक कारण होते है।
डाॅ. अल्पना पांडेय के मुताबिक, मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होना तथा गांठ (ट्यूमर) होना, गर्दन या सिर दर्द, सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस, मस्तिष्क के एक भाग में रक्त संचार कम होना, गर्दन पर कसकर कॉलर या टाई बांधना, ऊंचे तकिया पर सोना, एक ही करवट लेकर रोज सोने की आदत, देर रात तक लेटकर टीवी देखना, उच्च या निम्न रक्तचाप, पेट में कोलाइटिस, बार-बार पतले दस्त होना, की-बोर्ड और कम्प्यूटर पर लगातार काम करना, गर्दन झुकाकर ड्राइंग, पेंटिंग, कढ़ाई आदि कार्य करना, उपवास या प्रवास अधिक करना, भोजन समय पर न लेना जैसे अनेक कारणों से चक्कर आते है।
इसके अतिरिक्त तंबाकू, सिगरेट, शराब का अधिक मात्रा में सेवन भी चक्कर के कारण बनते हैं। देर तक तेज धूप में बिना सिर ढके घूमने से, झूले पर झूलने से भी चक्कर आते है। नींद न आना भी चक्कर का एक कारण होता है। योग एक्सपर्ट अल्पना पांडेय के मुताबिक, इन किसी भी कारणों से चक्कर आते हैं तो निम्न योगाभ्यासों का प्रयोग कर सकते हैं।
इस मुद्रा में अंगूठे से कानों को बंद तथा बाकी उंगलियां आंख के सामने रख कर बैठा जाता है। अब उस अंग पर ध्यान दीजिए, जहां कोई विकार है। 15 मिनट धीरे धीरे श्वास प्रश्वास कीजिए और फिर आंखे खोल लीजिए। इस अभ्यास को 15 मिनट 3 बार दोहरा सकते हैं।
घुटनों पर खड़े हो कर पीछे झुक कर दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ें। गर्दन पर तनाव न पैदा होने दें। 30 से 60 सेकंड रुकने के बाद सामान्य स्थिति में आए।
हाथों को घुटने पर रख कर रीढ़ को सीधा रखते हुए कंधों को गोल घुमाएं, दोनों दिशाओं में 10 10 बार।
हलासन से कंधों और गर्दन को मजबूती मिलेगी। सर्वाइकल के कारण आने वाले चक्कर में आराम मिलेगा।
यह आसन शरीर और मन को गहरी विश्रांति देता है। तनाव और ब्लड प्रेशर के कारण आने वाले चक्कर को ठीक करता है।
डिस्क्लेमर
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