मैगजीन डेस्क, इंदौर। Zika Virus Symptoms: इस समय मानसून चल रहा है। चिलचिलाती धूप के बाद गर्मी से राहत बरसात ही दिलाती है। बरसात के मौसम में थोड़ी ठंडक बढ़ जाती है। ठंडक के साथ-साथ कई बीमारियों का आगमन भी होता है। बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
इनमें से एक जीका वायरस भी है। इन दिनों महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुणे नगर निगम ने एक दिन में जीका वायरस के 6 मामलों की पुष्टि की है। शुक्रवार तक पुणे से कुल 65 मामले सामने आ चुके हैं।
यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मानसून में होने वाली लगातार बारिश और जलभराव के कारण नमी में मच्छरों को प्रजनन के लिए एक आदर्श वातावरण मिलता है, जिससे mosquito borne diseases का खतरा बढ़ जाता है।
इस मौसम में मच्छर से जुड़ी बीमारियां डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फीवर के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए खुद को सुरक्षित रखना बहुत ही जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि जीका वायरस के लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
CDC (Centers for Disease control and Prevention) के मुताबिक जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाला एक वायरस है। यह एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं। इतना ही नहीं जीका वायरस सेक्स या प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण में भी फैल सकता है। इस वायरस से होने वाला संक्रमण रोकने के लिए कोई वैक्सीन या इलाज भी नहीं है।
जीका वायरस से संक्रमित लोगों में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। यदि समय रहते हैं लक्षणों की पहचान कर ली जाए, तो इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लक्षण में दाने, बुखार, सिर दर्द, लाल आंखें, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल है।
CDC के मुताबिक, जीका वायरस मच्छरों के काटने से गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में और सेक्स के जरिए भी फैल सकता है। काफी कम मामलों में जीका वायरस संक्रमित खून या टिश्यूज और लैब में फैल सकता है। जीका वायरस किसी व्यक्ति के लक्षण शुरू होने से पहले उसके दौरान और लक्षण खत्म होने के बाद भी फैल सकता है।
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