डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कहते हैं कि अपराध से प्रेरित मनोरंजन कभी-कभी असल जिंदगी में भी खतरनाक रूप ले सकता है। ऐसा ही हुआ जब पंजाबी वेब सीरीज ‘जिला संगरूर’ देखकर संगरूर के पांच युवकों ने लूटपाट करने की योजना बनाई। नशेड़ी दोस्तों की कहानी ने इन्हें अमीर बनने का शॉर्टकट दिखाया, लेकिन हकीकत में यह रास्ता सीधे जेल की ओर ले गया।
10वीं और 12वीं पास इन पांच दोस्तों ने मात्र एक सप्ताह में दो टैक्सी चालकों को निशाना बनाया। पहली घटना 9 अगस्त को हुई, जब लुधियाना से कैंसर पीड़ित टैक्सी चालक भवनदीप सिंह की सेंट्रो कार बुक कर उसे समाना में लूट लिया गया। इसके बाद 15 अगस्त को इन्होंने अंबाला से एक ऑल्टो कार बुक की और उसके चालक राकेश यादव को भी समाना के पास लूट का शिकार बनाया।
वारदातों के बाद आरोपी सीधे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में छिप गए और वहां मौज-मस्ती करने लगे। लेकिन पुलिस ने तगड़ी जांच के बाद चार आरोपितों - प्रिंस कुमार, जतिन, राम उर्फ शुभम और अभि कुमार को पकड़ लिया। पांचवें साथी की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। पुलिस ने ऑल्टो कार बरामद कर ली है, जबकि सेंट्रो के बिकने की आशंका है।
अंबाला के टैक्सी चालक राकेश यादव को आरोपितों ने पहले बंधक बनाया, फिर मारपीट की। जब वह पीछा नहीं छोड़ रहा था, तो उसे नहर में धक्का दे दिया। हालांकि राकेश तैरना जानता था, जिससे उसकी जान बच गई। पुलिस ने आरोपितों पर हत्या की कोशिश का मामला भी दर्ज किया है।
एसपी वैभव चौधरी के अनुसार, सीआईए स्टाफ और स्थानीय थानों की संयुक्त टीम ने तफ्तीश कर कुल्लू पुलिस की मदद से आरोपितों को काबू किया। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि क्राइम की दुनिया से प्रेरित होकर अपराध करना अंततः अपराधियों को ही भारी पड़ता है।
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