
डिजिटल डेस्क। 8th Pay Commission: केंद्र सरकार द्वारा 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग (8th CPC) की अधिसूचना जारी करने के बाद अब पहला बड़ा कदम 15 नवंबर को देखने को मिलेगा। लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से सरकार से बातचीत करने वाली NC-JCM स्टाफ साइड ने दिल्ली में अपनी स्टैंडिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाने का फैसला किया है। हालांकि AIRF जनरल सेक्रेटरी शिवा गोपाल मिश्रा की ओर से जारी लेटर में एजेंडा स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनर्स से जुड़े कई अहम मुद्दों पर मंथन होगा।
बैठक क्यों मानी जा रही है महत्वपूर्ण?
सरकार की अधिसूचना के बाद यह स्टाफ साइड की पहली रणनीतिक बैठक है। इसी मीटिंग में तय होगा कि वेतन, पेंशन, भत्तों, सर्विस कंडीशंस और पेंशनर्स की मांगों को किस तरीके से आगे रखा जाएगा। यही मंच कर्मचारियों व पेंशनर्स की तरफ से सरकार से आधिकारिक बातचीत करता है।
NC-JCM क्या है और कैसे काम करता है?
NC-JCM तीन स्तरों की प्रणाली है, जिसमें कर्मचारी पक्ष और मंत्रालयों के अधिकारी शामिल होते हैं। इसमें नेशनल काउंसिल में वेतन आयोग जैसे बड़े मुद्दे उठाए जाते हैं, फिर विभागीय और क्षेत्रीय स्तर पर चर्चा होती है। स्टाफ साइड में कई बड़े कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं।
15 नवंबर को किन मुद्दों पर चर्चा संभव?
हालांकि एजेंडा का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन पिछले मामलों को देखते हुए इन विषयों पर मंथन होने की संभावना है-
फरवरी में स्टाफ साइड ने इन मुद्दों की सूची सरकार को भेजी थी, लेकिन कई पॉइंट ToR में शामिल नहीं हुए। इसलिए इस बार इन्हीं को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है।
69 लाख पेंशनर्स की चिंता क्यों बढ़ी?
ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने सरकार को भेजे पत्र में ToR में महत्वपूर्ण असंगतियों की ओर इशारा किया है। फेडरेशन का आरोप है कि ToR में 8वें वेतन आयोग की "Implementation Date" का स्पष्ट जिक्र नहीं है। 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स की पेंशन रिवीजन से संबंधित कोई उल्लेख नहीं है।
AIDEF ने इसे पूरी तरह अनुचित बताया है और कहा कि इससे सरकार वेतन आयोग की 10 साल वाली व्यवस्था बदलने की दिशा में जा सकती है, जबकि 7वें वेतन आयोग में तारीख स्पष्ट लिखी गई थी।
इन सबके बीच 15 नवंबर की बैठक कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। पेंशन रिवीजन शामिल होगा या नहीं, लागू होने की तारीख क्या होगी और आगे वेतन संशोधन किस तरह आगे बढ़ेगा, इन सभी बिंदुओं पर स्टाफ साइड को मजबूत रणनीति तय करनी होगी, ताकि सरकार से होने वाली आधिकारिक वार्ता में उनकी स्थिति स्पष्ट और मजबूत रहे।