
डिजिटल डेस्क। दिल्ली विस्फोट मामले में कानपुर से पकड़े गए डॉ. आरिफ मीर के संपर्कों की जांच में एएमयू के छात्र डॉ. यासिर हुसैन का नाम सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलीगढ़ पर नजरें गड़ाए हुए हैं। शनिवार को पूरे कैंपस में इसी विषय पर चर्चा छाई रही। एजेंसियां यासिर से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं।
क्या है मामला
डॉ. यासिर हुसैन जेएन मेडिकल कॉलेज में एमडी कार्डियोलॉजी के छात्र है। उसने जुलाई में दाखिला लिया था और वर्तमान में सिविल लाइन क्षेत्र में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार, यासिर ने ही आरिफ के लिए कानपुर के अशोकनगर इलाके में किराए का कमरा तय करवाया था। करीब डेढ़ महीने कानपुर में रहने के बाद यासिर अलीगढ़ लौट आए थे। यह खुलासा होने के बाद एजेंसियां अब यासिर की पृष्ठभूमि और गतिविधियों से जुड़ी जानकारी जुटा रही हैं। बताया गया है कि आरिफ को दिल्ली धमाके में संदिग्ध आतंकी उमर का सहपाठी होने के कारण हिरासत में लिया गया है।
एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में मिला था प्रवेश
पहली काउंसिलिंग में यासिर को कानपुर के एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में सीट मिली थी, लेकिन दूसरी काउंसिलिंग में उन्होंने अलीगढ़ विकल्प चुन लिया। कार्डियोलॉजी विभाग के अनुसार वे इस विषय में लगभग एक से डेढ़ महीने रहे।
अशोकनगर फ्लैट में आरिफ के साथ रहने वाले डॉ. अभिषेक का कहना है कि कमरे की व्यवस्था करवाने का अनुरोध यासिर ने ही किया था। इसी आधार पर खुफिया एजेंसियां अब यासिर के विवरण और संपर्कों की पड़ताल कर रही हैं। विभाग में मौजूद यासिर से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड भी सुरक्षित कर लिया गया है। संभावना है कि जांच टीमें जल्द ही अलीगढ़ पहुंचेंगी।
कश्मीरी छात्रों को कैंपस न छोड़ने की सलाह
एएमयू प्रशासन ने कश्मीरी छात्रों को बिना सूचना दिए कैंपस न छोड़ने की मौखिक सलाह दी है। विश्वविद्यालय में दो सौ से अधिक कश्मीरी छात्र अध्ययनरत हैं। आरिफ और यासिर के कनेक्शन सामने आने के बाद एजेंसियां अलीगढ़ के हर कश्मीरी छात्र की गतिविधियों, संपर्कों और आवाजाही की बारीकी से जानकारी जुटा रही हैं।
विभाग का बयान
प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि कार्डियोलॉजी विभाग में यासिर नाम का छात्र पंजीकृत है। विभाग में केवल चार सीटें हैं। अब तक किसी भी जांच एजेंसी ने विभाग से संपर्क नहीं किया है, लेकिन जानकारी मांगे जाने पर पूरा सहयोग दिया जाएगा।