Shaheed Bhagat Singh Quotes: शहीद भगत सिंह की जयंती पर पढ़ें क्रांतिकारी विचार, बदल देंगे आपका जीवन
शहीद भगत सिंह की 28 सितंबर को 116वीं जयंती मनाई जा रही है। उनका जन्म 1907 में बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और 23 मार्च 1931 को शहीद हो गए। उनके प्रेरक नारे 'इंकलाब जिंदाबाद', आज भी देशभक्ति की भावना जगाते हैं।
Publish Date: Fri, 27 Sep 2024 09:28:42 PM (IST)
Updated Date: Sat, 28 Sep 2024 12:01:24 AM (IST)
शहीद भगत सिंह की जयंतीHighLights
- 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी की सजा दी गई।
- 'इंकलाब जिंदाबाद' उनके सबसे प्रसिद्ध नारों में से एक है।
- युवाओं को प्रेरित कर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। Shaheed Bhagat Singh Quotes in hindi भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह की 28 सितंबर को 116वीं जयंती है। उनका जन्म बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान) में 28 सितंबर 1907 को हुआ था। वह अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजाद कराना चाहते थे। उन्होंने अंग्रजों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। उनको कम उम्र में ही 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में मौत की सजा दे दी गई। वह बहुत कम उम्र में देश के लिए शहादत दे दी। भगत सिंह के प्रेरक नारे जैसे 'इंकलाब जिंदाबाद' ने देशभक्ति की भावना को जगाते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल भगत सिंह के 10 अनमोल विचार बताएंगे।
भगत सिंह के 10 अनमोल विचार
- प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं। - भगत सिंह
- आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं। - भगत सिंह
- मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है। - भगत सिंह
- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है। - भगत सिंह
- इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है। - भगत सिंह
- जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दुसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। - भगत सिंह
- मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी. इसके अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता - भगत सिंह
- जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता। - भगत सिंह
- मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी। - भगत सिंह
- राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है। - भगत सिंह
11. वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे। - भगत सिंह