डिजिटल डेस्क, इंदौर: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह पिछले कुछ दिनों से काफी सुर्खियो में हैं। बिहार चुनाव से ठीक पहले भाजपा में वापस शामिल होने के बाद ऐसे राजनीतिक गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे थे, कि पवन सिंह इस बार विधानसभा का चुनाव भाजपा की टिकट से लड़ सकते हैं। हालांकि पवन सिंह ने शनिवार को फेसबुक पर और एक्स पर ट्वीट एक पोस्ट कर इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
उन्होंने अपने पोस्ट में साफ किया है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी भी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया था, और न ही उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा है। पवन सिंह ने कहा, “मैं पार्टी का एक सच्चा सिपाही था, हूं और आगे भी रहूंगा।” । उनके इस फोस्ट के बाद से फैन्स में चल रहे अटकलों पर विराम लग गया है। साथ ही भ्रम की स्थिति साफ हो गई है।
बता दें कि पवन सिंह ने 30 सितंबर को दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। जिसके बाद से ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि शायद पवन सिंह बिहार के आरा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। पवन सिंह इससे ने पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की थी।
वहीं अमित शाह से मिलकर लौटने के बाद से ही पवन सिंह लगातार विवादों और सुर्खियों में थे। पत्नी ज्योति सिंह और उनके बीच चल रहे विवाद ने एक बार फिर तुल पकड़ लिया था। इसी बीच उनकी पत्नी पवन सिंह के लखनऊ स्थित आवास पहुंची थी। इसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया था। इसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे।
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पवन सिंह ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी ने बिहार विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिलवाने के लिए दबाव बनाया था। हालांकि ज्योति सिंह की ओर से इसे निराधार बताता गया था। वहीं ज्योति सिंह ने जनसुराज के मुखिया प्रशांत किशोर से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद से राजनीतिक अटकलें और तेज हो घई हैं।