
डिजिटल डेस्क। राजधानी में मेट्रो यात्रियों की सुविधा और स्थानीय पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने तीन महत्वपूर्ण मेट्रो स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को हैदरपुर गांव में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान इन परिवर्तनों की आधिकारिक घोषणा की।
कार्यक्रम का आयोजन रेजांगला शहीद पवित्र रज कलश यात्रा के हैदरपुर आगमन पर किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जैसे विशाल और विविधता से भरे शहर में कई जगहों के नाम यात्रियों की सुविधा और स्थानीय पहचान के अनुरूप नहीं होते हैं। ऐसे में लोगों की मांग और सुविधा को ध्यान में रखते हुए तीन स्टेशनों के नामों में बदलाव किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन बदलावों से जहां स्थानीय लोग अपनी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को और बेहतर तरीके से जोड़ पाएंगे, वहीं रोजाना यात्रा करने वालों को भी अपने गंतव्य की पहचान करने में अधिक आसानी होगी।
सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार नाम बदलने की सूची में ये स्टेशन शामिल हैं-
1. पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन- अब इसका नया नाम मधुबन चौक होगा।
2. निर्माणाधीन प्रशांत विहार मेट्रो स्टेशन- इसे अब उत्तरी पीतमपुरा/प्रशांत विहार नाम दिया गया है।
3. हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन- इस स्टेशन का नया नाम हैदरपुर गांव रखा गया है।
इन परिवर्तनों के लागू होने के बाद मेट्रो यात्रियों के लिए मार्ग पहचान और भी आसान होने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि इससे क्षेत्रीय पहचान को भी बढ़ावा मिलेगा और लोगों में अपने इलाके के साथ जुड़ाव की भावना मजबूत होगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने रेजांगला शहीद पवित्र रज कलश यात्रा के हैदरपुर पहुंचने पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मान देती है बल्कि पूरे देश को “राष्ट्र प्रथम” की भावना में जोड़ने वाला प्रेरक संदेश भी देती है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि हैदरपुर गांव की यह पावन धरती आज स्वयं को सौभाग्यशाली मान रही है कि वीर शहीदों की पवित्र स्मृति यहां पहुंची है। यह यात्रा हमें उन अनगिनत बहादुर सैनिकों की याद दिलाती है, जिनके बलिदान ने देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा।
नाम बदले जाने की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों और यात्रियों में उत्साह देखा गया। कई निवासियों ने कहा कि नए नाम इलाके की पहचान को और सही तरीके से दर्शाते हैं। वहीं, कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। दिल्ली सरकार का यह कदम न केवल यात्री सुविधा को ध्यान में रखने वाला है, बल्कि राजधानी के विभिन्न इलाकों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करने वाला माना जा रहा है।