एजेंसी, जमुई। साल 1977 का बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जमुई के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इस चुनाव में पहली बार प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री दोनों ने एक ही क्षेत्र में अलग-अलग प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार किया। जनता पार्टी प्रत्याशी त्रिपुरारी सिंह के पक्ष में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई स्वयं चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे।
दिल्ली से सात सीटर चार्टर विमान से वे बिठलपुर एयर स्ट्रिप पर उतरे और वहां से सड़क मार्ग से जमुई के गांधी पार्क मैदान पहुंचे। यहां लोगों को पहली बार प्रधानमंत्री का भाषण नजदीक से सुनने का अवसर मिला। भारी भीड़ उमड़ी और इसे लोगों ने यादगार पल के रूप में देखा।
कांग्रेस प्रत्याशी पंचानन सिंह के समर्थन में भी पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता इंदिरा गांधी हेलिकॉप्टर से जमुई पहुंचीं। उन्होंने केकेएम कॉलेज मैदान में सभा की। इस चुनाव को और भी खास बनाने के लिए जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर, कर्पूरी ठाकुर, रामकृष्ण हेगड़े और आचार्य कृपलानी ने भी त्रिपुरारी सिंह के समर्थन में सभाएं कीं।
यह चुनाव सीधे तौर पर समाजवादी विचारधारा और कांग्रेस के बीच की टक्कर था। देशभर की निगाहें जमुई पर टिकी थीं। लेकिन चुनावी सभाओं और बड़े नेताओं की मौजूदगी के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
त्रिपुरारी सिंह ने 45,943 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पंचानन सिंह को 27,154 वोटों के अंतर से पराजित किया। इस जीत के बाद बिहार में जनता पार्टी की सरकार बनी और कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री चुने गए। वहीं, त्रिपुरारी सिंह विधानसभा अध्यक्ष बने। यह चुनाव न सिर्फ जमुई बल्कि पूरे बिहार की राजनीति के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।
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