एजेंसी, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की अधिसूचना जारी होते ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (MCC) प्रभावी हो गई है। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए कई कड़े प्रावधान लागू किए हैं। अब किसी भी मंत्री या प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। हेलीकॉप्टर और सरकारी वाहनों के उपयोग पर रोक लगाई गई है। नेता केवल निजी या किराए पर लिए गए वाहनों का उपयोग कर सकेंगे और उसका खर्च उनके चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटानी होंगी। दीवार लेखन, पोस्टर और बैनर लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ‘बिहार प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1985’ के तहत सभी सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को 24 से 48 घंटे में साफ करना अनिवार्य है।
एमसीसी के दौरान नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जा सकेगी और सरकारी मशीनरी का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना वर्जित होगा। विज्ञापनों और प्रचार सामग्री का पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य है। बिना अनुमति के प्रकाशन या प्रसारण प्रतिबंधित रहेगा।
सभा और जुलूस आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी। किसी भी जुलूस में 10 से अधिक वाहन शामिल नहीं किए जा सकेंगे। शैक्षणिक संस्थानों का चुनावी उपयोग सख्त मना है। लाउडस्पीकर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगे और मतदान से 48 घंटे पहले पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा।
मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में प्रचार पूरी तरह वर्जित रहेगा। शराब वितरण, मतदाताओं का परिवहन या भीड़ जुटाना अपराध माना जाएगा। प्रत्येक प्रत्याशी को सीमित वाहनों की अनुमति होगी और नियम तोड़ने पर वाहन जब्त किए जा सकते हैं। अधिकारियों के साथ सहयोग अनिवार्य होगा।
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