एजेंसी, नई दिल्ली। भागलपुर का भीखनपुर इलाका इन दिनों चर्चाओं में है। यहां रहने वाली पाकिस्तानी महिला इमराना खानम का मामला गंभीर रूप से सामने आया है। बिना वीजा विस्तार के वर्षों से भारत में रह रही इमराना न केवल यहां पक्के मकान में बसी, बल्कि बीबी इमराना खातून के नाम से पहचान छिपाकर सरकारी स्कूल में शिक्षिका की नौकरी भी हासिल कर ली। इतना ही नहीं, उसने भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनवा कर चुनावों में वोट भी डाले।
डीएसपी हेडक्वार्टर-2 मुहम्मद अयूब ने इस पूरे मामले की जांच पूरी कर ली है। अब उन्होंने शिक्षा विभाग से यह जानकारी मांगी है कि इमराना किस विज्ञापन और प्रक्रिया के तहत शिक्षक नियुक्त हुई। साथ ही, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी से यह पूछा गया है कि उसके नाम से मतदाता पहचान पत्र कैसे बना। रिपोर्ट मिलने के बाद डीएसपी अपनी विस्तृत जांच एसएसपी को सौंपेंगे।
गौरतलब है कि 2021 में भी इमराना की पाकिस्तानी पहचान की पुष्टि हो चुकी थी। तत्कालीन एसएसपी बाबू राम ने गृह विशेष विभाग के निर्देश पर जांच करवाई थी। कजरैली और इशाकचक थाने की टीमों ने पड़ताल में पाया था कि पति इबनुल हसन की मृत्यु के बाद इमराना ने भीखनपुर टैंक लेन में घर बना लिया और बीबी इमराना खातून नाम से नौकरी कर रही थी।
स्थानीय लोगों और विद्यालय से की गई जांच ने भी यह साबित किया कि इमराना खानम और बीबी इमराना खातून एक ही व्यक्ति हैं। चार साल पहले मिली इस जानकारी के बावजूद वह अब तक शिक्षक पद पर बनी रही।
अब सवाल उठ रहे हैं कि बिना वीजा विस्तार के वह इतने वर्षों से भारत में कैसे रह रही थी? किस आधार पर उसका वोटर कार्ड बना और किस प्रक्रिया से उसे सरकारी नौकरी मिली? शिक्षा विभाग और निर्वाचन पदाधिकारी की रिपोर्ट के बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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