
एजेंसी, भागलपुर। बिहार चुनाव 2025(Bihar Elections 2025) के बीच इन दिनों चर्चा बकरों की हो रही है। चुनावी मंडी में हर बकरे का भाव बढ़ा हुआ है। कोई अपना खूंटा बदल चुका है तो कोई नई रस्सी की तलाश में है। सभी अपनी कीमत तय होने का इंतजार कर रहे हैं।
इसी भीड़ में एक खास बकरा था, चमकदार और थोड़े बागी स्वभाव वाला। मंडी में खूब चर्चा हुई, बोली लगी, दाम तय होने की खबर फैली। कोई बोला पचास तक गया, किसी ने कहा सौदा एक में तय हो गया। फिर अचानक अफवाह उड़ गई कि हरे रंग का पट्टा पहनने वाला बकरा बिक गया।
लोगों ने कहा मामला खत्म हो गया। लेकिन कुछ ही घंटे बाद वही बकरा पुराने खूंटे के पास खड़ा दिखा। सब हैरान रह गए अरे, ये तो बिक गया था! किसी ने फुसफुसाते हुए कहा, “बिक तो गया था, लेकिन समझा दिया गया कि फिलहाल घर ही सही है।” बताया जाता है कि बड़े व्यापारी ने खुद दखल दिया और कहा कि कभी-कभी रुक जाना ही सबसे अच्छा सौदा होता है। बकरा मुस्कुरा दिया, बोला, “मुझे मेरा भाव समझ आ गया, अब आराम से चरूंगा।” मंडी में अब नई चर्चा है कि बकरा बागी था, मगर मोल-भाव में अटक गया। किसी ने हंसते हुए कहा, “बिकने से पहले बैठ गया और वही सबसे समझदार निकला।” अब सबकी नजर उसकी अगली चाल पर है।
चुनावी तैयारी को लेकर सख्ती
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर सभी विद्यालयों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। बिहार शिक्षा परियोजना, भागलपुर की ओर से डीपीओ (एसएसए) बबीता कुमारी ने पत्र जारी कर कहा कि जिले के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी *मुख्यालय में ही मौजूद रहें*, चाहे अवकाश का दिन ही क्यों न हो।
उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराना और मतदाता जागरूकता कार्यक्रम समय पर पूरा करना ज़रूरी है। इसलिए सभी कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि रविवार या छुट्टी के दिन भी मुख्यालय में उपस्थित रहें। साथ ही सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को कहा गया है कि मोबाइल फोन हमेशा चालू अवस्था में रखें ताकि किसी भी समय संपर्क किया जा सके। इस आदेश को बेहद आवश्यक श्रेणी में रखा गया है।