बेंगलुरु। चंद्रमा पर बुधवार को सूर्योदय हो गया। अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) को उस पल का इंतजार है जब सूर्य की किरणें सही तरह से चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर पड़ेंगी। वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि लैंडर और रोवर एक बार फिर काम करना शुरू करेंगे। चंद्रयान-3 पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने जानकारी दी है कि पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक (प्रज्ञान) रोवर और (विक्रम) लैंडर को फिर से सक्रिय करें। लेकिन कुछ कारणों से अब हम ये 23 सितंबर को करेंगे। लैंडर और रोवर को स्लीप मोड से निकालने फिर से सक्रिय करने की योजना है।
इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया, “अगर कोई तरीका होता, तो हम जान सकते कि लैंडर और रोवर जाग गए हैं या नहीं, यह आसान होता, लेकिन अभी तो हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि सूर्योदय के बाद सिस्टम कैसा व्यवहार करता है।”
इसससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को जानकारी दी कि चंद्रयान-3 का दूसरा चरण अगले कुछ घंटों में शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर इंतजार कर रहे हैं और सूर्य की किरणों से सम्पर्क में आने के बाद उठेंगे।
संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन लोकसभा को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, ''कुछ घंटों के बाद जब चंद्रमा सूर्य के सामने होगा, हमारा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर जाग जाएगा। हमने सौर बैटरियां लगाई हैं और पैनलों को ऐसी दिशा में स्थापित किया है कि जब विक्रम सूर्य की किरणों का सामना करेगा तो उसका संचार सर्किट सक्रिय हो जाएगा।
विक्रम और प्रज्ञान दोनों एक वेक-अप कॉल का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब देश महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने का जश्न मना रहा होगा, तो भारत पहला देश भी बन जाएगा, जहां एक रोवर और लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सोएगा और जागेगा।'