
डिजिटल डेस्क, नईदुनिया। सूर्य उपासना का महापर्व छठ इस बार भी पूरे देश में आस्था और भव्यता के साथ मनाया जाएगा। शनिवार से नहाय-खाय के साथ इसकी शुरुआत होगी। खास बात यह है कि अकेले इस पर्व पर देशभर में लगभग 38 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है, जो पाकिस्तान के रक्षा बजट (76 हजार करोड़ रुपये) का लगभग आधा है। यह न सिर्फ स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देगा, बल्कि छोटे व्यापारियों और कुटीर उद्योगों के लिए भी बड़ी ताकत साबित होगा।
15 करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी
कैट (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) के अनुसार, इस वर्ष छठ पर्व में देशभर से करीब 15 करोड़ लोग शामिल होंगे। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। केवल दिल्ली में ही लगभग छह हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
स्थानीय और स्वदेशी वस्तुओं की बड़ी मांग
छठ पूजा से जुड़ी वस्तुओं जैसे सूप, दौरा, डलिया, मिट्टी के दीपक, बांस की टोकरी, फल (केला, नारियल, सेब, गन्ना, नींबू), अनाज (गेहूं और चावल का आटा), ठेकुआ, मिठाइयां, साड़ी, पारंपरिक वस्त्र, दूध-घी और सजावट सामग्री की खरीदारी बड़े पैमाने पर हो रही है। इन अधिकांश वस्तुओं का उत्पादन स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा किया जाता है, जिससे कुटीर उद्योगों को मजबूती और रोजगार के अवसर मिलते हैं।
‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा
छठ पूजा न सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि *भारतीय संस्कृति और सामाजिक एकता* का प्रतीक भी है। इससे स्थानीय उत्पादकों, छोटे व्यापारियों और हस्तशिल्पकारों को सीधा लाभ मिलता है। यही वजह है कि यह त्योहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूत करता है।
हर साल बढ़ रहा कारोबार
छठ पर्व से जुड़ा व्यापार लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2023 में जहां 27 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 31 हजार करोड़ तक पहुंच गया। इस बार 38 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है, यानी पिछले साल से करीब सात हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी।