एजेंसी, नईदिल्ली: मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने शुक्रवार को सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा (Punjab Farmers Compensation) देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट पहले ही प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवजा देने का फैसला कर चुकी है। जिन किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हुई हैं, उन्हें एक माह के भीतर मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, जहां आंशिक नुकसान हुआ है, वहां विशेष गिरदावरी पूरी होने के बाद दीपावली (Diwali 2025) से पहले सभी किसानों को चैक वितरित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिरदावरी में 40 से 45 दिन लग सकते हैं, लेकिन इस बीच किसानों को असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।
CM मान ने कहा कि गिरदावरी पूरी होने के बाद किसानों को एक सप्ताह का समय आपत्तियों के लिए दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी छोटे किसान का फार्म नहीं भरा गया तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
सीएम ने यह भी घोषणा की कि जिन किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी रेत और मिट्टी भर गया है, उसे हटाने के लिए सरकार जेसीबी मशीनें खरीदेगी। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा बताई गई स्कीमें पंजाब की परिस्थितियों में लागू नहीं होतीं, इसलिए वह नियमों में छूट की मांग करेंगे।
इसके अलावा, सीएम ने भाजपा और शिअद नेताओं के बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ के बयान पर कहा कि उन्हें अपने ही मंत्रियों को पहचानना चाहिए। वहीं, शिअद प्रधान सुखबीर बादल द्वारा गेहूं बीज वितरण पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों को "तोता सिंह मार्का" बीज न दे दिए जाएं।
सीएम ने दोहराया कि पंजाब सरकार हर प्रभावित किसान को समय पर मुआवजा देगी और किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह भी पढ़ें- PM Modi Manipur visit: हिंसा के बाद पहली बार आज मणिपुर जाएंगे पीएम मोदी, जनसभा को करेंगे संबोधित