एजेंसी,नई दिल्ली। मई 2023 में मणिपुर में भड़की नस्लीय हिंसा के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वे मैतेयी बहुल इंफाल और कुकी बहुल चुड़ा चांदपुर में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे।
दोनों समुदायों को साधने की कोशिश
माना जा रहा है कि पीएम मोदी का यह दौरा लंबे समय से हिंसा झेल रहे मणिपुर में स्थायी शांति की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री के मणिपुर नहीं जाने पर सवाल उठा रहा था। यहां कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में भी जाएंगे।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
तीन मई 2023 को मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद कुकी और मैतेयी समुदायों के बीच टकराव शुरू हुआ था। इसके बाद कुकी संगठनों ने असम से जोड़ने वाले एनएच-2 समेत कई सड़क मार्गों को बंद कर दिया था।
राष्ट्रपति शासन और सुलह की कोशिश
फरवरी 2025 में स्थिति पर नियंत्रण और विश्वास बहाली के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इसके बाद सरकार ने दोनों समुदायों से अलग-अलग और फिर साथ बैठकर बातचीत की। हाल ही में कुकी उग्रवादी गुटों ने Suspension of Operation समझौते पर दस्तखत किए और अपने कैंप मैतेयी इलाकों से दूर करने पर सहमत हुए। कुकी-जो संगठन ने भी एनएच-2 समेत अन्य रास्ते खोलने की हामी भरी।
पीएम मोदी की बड़ी घोषणाएं
अब प्रधानमंत्री का दौरा शांति प्रक्रिया को स्थायित्व देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है। चुड़ा चांदपुर में वे 7300 करोड़ रुपये और इंफाल में 3600 करोड़ रुपये की योजनाओं की नींव रखेंगे। इसके अलावा 2500 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग की पांच परियोजनाएं, मणिपुर इंफोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और नौ स्थानों पर वर्किंग वुमेन हॉस्टल का भी शिलान्यास करेंगे। सरकार का संदेश साफ है दोनों समुदायों को बराबर महत्व मिलेगा और किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।