पुरी। पुरी स्थित ऐतिहासिक 900 साल पुराने एमार मठ के अनाधिकृत निर्माण को हटाने का काम शुरू हो गया है। । बुधवार दोपहर बाद शुरू हुई प्रशासन की कार्रवाई में इस चार मंजिला मठ के सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित रघुनंदन लाइब्रेरी को तोड़ा गया । काम में दस से ज्यादा ब्रेकर एवं बुलडोजर लगाए गए हैं।
किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर दस प्लाटून पुलिस बल तैनात किए गए है। एहतियातन स्नेक हेल्पलाइन के सदस्यों को भी बुलवाया गया है। परिसर में मौजूद दुकानों सहित अन्य सामान को पहले ही हटा दिया गया था। मठ के कर्मचारियों के लिए फिलहाल बगला धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की गई है, लेकिन वे लोग स्थायी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने एमार मठ के साथ ही सात और पुराने मठों को तोड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
गौरतलब है पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ भगवान के श्रीमंदिर के आसपास अनधिकृत निर्माण को हटाने पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इन्कार के बाद लगभग 900 साल पुराने ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। कोर्ट ने मंदिर परिसर के 75 मीटर के दायरे में स्थित सभी अनाधिकृत निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं। ओडिशा के सबसे धनी मठों में से एक एमार मठ श्रीमंदिर के सिंह द्वार के सामने है और उसके 75 मीटर के दायरे में आता है।
एमार मठ को तोड़ते समय गुरुवार को जमीन के अंदर सुरंगनुमा घर मिला है। इस मठ से कई साल पहले 400 से अधिक चांदी की ईंट मिल चुकी हैं। ऐसे में इस सुरंगनुमा घर के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। लोगों को लगता है कि 12वीं सदी के इस मठ में काफी मात्रा में गुप्त धन छिपा हुआ है। मठ के महंत राजगोपाल रामानुज दास महाराज इस जगह को कीसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे मठ के अंदर ध्यान मुद्रा में बैठे हुए हैं।