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डिजिटल डेस्क। इस समय मीडिया से लेकर सोशल मीडिया और लोगों के दिलो- दिमाग पर जो चीज छाई है वह है फिल्म धुरंधर। इसको लेकर जबरदस्त चर्चा है। भारत में फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है, वहीं पाकिस्तान में इसे चोरी-छिपे देखे जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं।
यह एक स्पाई एक्शन थ्रिलर है, जिसकी कहानी हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आर्थिक अपराधों के इर्द-गिर्द बुनी गई है। फिल्म में दिखाया गया नेटवर्क कराची से जुड़े खाननी भाइयों के कथित हवाला तंत्र से प्रेरित बताया जा रहा है, जो आतंकवाद और संगठित अपराध के लिए फंडिंग का बड़ा जरिया बना।
फिल्म देखने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर हवाला कारोबार होता क्या है और कैसे सिर्फ कोड या कटे नोट के जरिए करोड़ों रुपये इधर-से-उधर कर दिए जाते हैं। आइए समझते हैं इस खतरनाक आर्थिक अपराध को।
हवाला कारोबार क्या होता है
हवाला एक गैरकानूनी और अनौपचारिक मनी ट्रांसफर सिस्टम है, जिसमें बैंकों या वैध वित्तीय संस्थानों की कोई भूमिका नहीं होती। इसमें एजेंट्स और ब्रोकरों के नेटवर्क के जरिए एक देश से दूसरे देश में पैसा पहुंचाया जाता है, वो भी बिना सीधे कैश ट्रांसफर के। यही वजह है कि इसे ट्रैक करना बेहद मुश्किल होता है।
इस सिस्टम में अक्सर कोड, संकेत और आपसी हिसाब-किताब के जरिए लेनदेन किया जाता है। गोपनीयता इसकी सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन यही कारण है कि इसका इस्तेमाल काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग में भी होता रहा है।
हवाला नेटवर्क कैसे करता है काम
हवाला में पैसा भेजने वाला व्यक्ति सबसे पहले अपने देश के एक हवाला डीलर को रकम देता है।
डीलर उसे एक कोड या पहचान देता है, जो भुगतान की पुष्टि के लिए इस्तेमाल होता है।
इसके बाद वही डीलर दूसरे देश में मौजूद अपने नेटवर्क को सूचना देता है।
दूसरे देश में बैठा हवाला एजेंट उसी कोड के आधार पर तय व्यक्ति को रकम दे देता है।
कई मामलों में पहचान के लिए कटे नोट, खास नंबर या गुप्त संकेत इस्तेमाल किए जाते हैं।
क्या भारत में हवाला गैरकानूनी है
भारत में हवाला कारोबार पूरी तरह अवैध है। यह फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। चूंकि हवाला लेनदेन आधिकारिक बैंकिंग सिस्टम से बाहर होता है, इसलिए इसे काले धन और आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ा जाता है।
हवाला कारोबार में पकड़े जाने पर सजा क्या है
भारत में हवाला को गंभीर आर्थिक अपराध माना गया है और इसके लिए कड़े प्रावधान हैं। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। FEMA के तहत इसे सिविल अपराध माना गया है, जिसमें शामिल रकम के तीन गुना तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर मामला आतंकवाद से जुड़ा हो, तो सजा और भी कठोर हो सकती है।
हवाला कारोबार की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि इसका इस्तेमाल अक्सर आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों की फंडिंग में किया गया है।