
डिजिटल डेस्क। हैदराबाद से एक ऐसी हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने स्कूली बच्चों की मानसिक स्थिति और 'बुलीइंग' ( bullying) के गंभीर परिणामों पर फिर से बहस छेड़ दी है। यहां चौथी कक्षा में पढ़ने वाले एक मासूम छात्र ने अपने स्कूल के आईडी कार्ड के स्ट्रैप को फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के अनुसार, 9 वर्षीय प्रशांत (परिवर्तित नाम) के स्कूल के सहपाठी उसे अक्सर उसकी यूनिफॉर्म को लेकर चिढ़ाते थे। बताया जा रहा है कि सही तरीके से ड्रेस न पहनने के कारण क्लासमेट उसका बार-बार मजाक उड़ाते थे, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद आहत था। मंगलवार को जब वह स्कूल से घर लौटा और खुद को अकेला पाया, तो उसने बाथरूम में जाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। परिजनों ने जब उसे फंदे से लटका देखा, तो फौरन अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रशांत के पिता शंकर, जो उसी अपार्टमेंट में चौकीदार का काम करते हैं, ने बताया कि उनका बेटा बहुत सक्रिय था और उसका कभी किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ। शंकर पहले उसी स्कूल में बस ड्राइवर थे जहाँ प्रशांत पढ़ता था। इस घटना के बाद पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि उत्पीड़न के दोषी पाए जाने वाले छात्रों को निलंबन, अनिवार्य मनोवैज्ञानिक परामर्श या अन्य कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह घटना स्कूलों में बच्चों की काउंसलिंग और उनके व्यवहार पर निगरानी रखने की सख्त जरूरत को रेखांकित करती है।
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