डिजिटल डेस्क। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाने वाले G Ram G विधेयक को बुधवार सुबह लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच पारित कर दिया गया।
बिल के पास होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और विपक्षी सांसदों ने वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने विधेयक की कॉपी भी फाड़ दी।
स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की विपक्ष की मांग
विपक्ष की मांग थी कि इस विधेयक को पहले स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। इसी मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी की। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधेयक पर पहले ही विस्तृत चर्चा हो चुकी है और अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर आरोप लगाए
बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, डीएमके सांसद टीआर बालू और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सहित कई विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर आरोप लगाए। विपक्ष का कहना है कि कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है और यह विधेयक राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है।
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष को दिया जवाब
विधेयक के समर्थन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने कानूनों का नामकरण केवल नेहरू परिवार के इर्द-गिर्द किया और अब नाम बदलने पर सवाल खड़े कर रही हैं।
उन्होंने प्रियंका गांधी के ‘नाम बदलने के शौक’ वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार नाम नहीं, काम पर ध्यान देती है। चौहान ने आरोप लगाया कि MGNREGA भ्रष्टाचार का माध्यम बन गया था और नया कानून सभी हितधारकों से चर्चा के बाद लाया गया है।
ओम बिरला ने की सख्त टिप्पणी
इसके बावजूद विपक्षी सांसदों का विरोध जारी रहा और कई सदस्य वेल में पहुंच गए। कुछ सांसदों ने फिर से कागज फाड़े। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, लोगों ने आपको यहां कागज फाड़ने के लिए नहीं भेजा है। देश आपको देख रहा है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से क्या कहा?
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्ष इस बिल का जोरदार विरोध करेगा। उन्होंने कहा, जो भी इस बिल को पढ़ेगा, उसे साफ समझ आ जाएगा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
यह विधेयक राज्यों पर फंडिंग का बोझ डालता है, जबकि राज्यों के पास संसाधनों की कमी है। मनरेगा सबसे गरीब लोगों का सहारा है और यह बिल गरीब विरोधी है।
एसपी सिंह बघेल ने घटना की निंदा की
वहीं, केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने सदन में कागज फाड़ने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के आचरण की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि बिल पर देर रात तक चर्चा हुई और यह लोगों के हित में है।
चिराग ने विपक्ष के व्यवहार पर सवाल उठाए
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी विपक्ष के व्यवहार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, विरोध करने का अधिकार सभी को है और इसके लिए पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन कागज फाड़ना और सदन में अव्यवस्था फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि राम नाम का विरोध समझ से परे है, क्योंकि महात्मा गांधी का अंतिम शब्द भी ‘हे राम’ था।