
डिजिटल डेस्क। केंद्र सरकार ने देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत देते हुए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की औपचारिक घोषणा कर दी है। सरकार ने आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी कार्य दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसका मतलब है कि अब कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग अप्रैल 2027 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा और उम्मीद जताई जा रही है कि दीवाली 2027 तक नया वेतन ढांचा लागू कर दिया जाएगा।
सरकार ने आयोग में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है-
जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई, अध्यक्ष
प्रो. पुलक घोष, पार्ट-टाइम सदस्य
पंकज जैन, सदस्य-सचिव
आयोग आवश्यकता पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट (interim report) भी पेश कर सकता है, जिससे कर्मचारियों को समय से पहले राहत मिल सकती है।
सरकार के अनुसार, 8वें वेतन आयोग का मकसद केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की समीक्षा करना है। आयोग इस बात का भी ध्यान रखेगा कि इससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े और राजकोषीय संतुलन (Fiscal Balance) कायम रहे। इसके अलावा, आयोग राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) और निजी क्षेत्र (Private Sector) के वेतन ढांचे से भी तुलना करेगा, ताकि सभी क्षेत्रों में समानता और न्यायसंगतता बनी रहे।
वित्तीय संस्थान कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और एम्बिट कैपिटल के आकलन के मुताबिक, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.8 से 2.46 के बीच रह सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो
1.82× फैक्टर पर नई सैलरी ₹32,760 (लगभग 14% की बढ़ोतरी)
2.15× फैक्टर पर ₹38,700 (लगभग 34% की बढ़ोतरी)
2.46× फैक्टर पर ₹44,280 (लगभग 54% की बढ़ोतरी)
हालांकि, महंगाई भत्ता (DA) को नए सिरे से शून्य (0) पर रीसेट किया जाएगा, इसलिए वास्तविक वेतन वृद्धि 13-15% के आसपास रहने की उम्मीद है।
8वां वेतन आयोग केवल सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें बोनस, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट लाभ और PLI सिस्टम पर भी पुनर्विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि 7वां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू हुआ था, जिसके तहत औसतन 14-16% वेतन वृद्धि हुई थी। अब उम्मीद की जा रही है कि इस बार कर्मचारियों को उससे भी अधिक लाभ मिल सकता है।
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सरकार का मानना है कि नए वेतन ढांचे से कर्मचारियों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और देश की उत्पादकता एवं स्थिरता में सुधार होगा। अगर सभी प्रक्रियाएं तय समय पर पूरी हो गईं, तो 2027 की दीवाली केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वाकई ‘सोने पर सुहागा’ साबित हो सकती है।