एजेंसी हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचा दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, इस मानसूनी सीजन में अब तक 360 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 197 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटना, डूबना और बिजली गिरने जैसी घटनाओं में हुईं, जबकि 163 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।
एसडीएमए की रिपोर्ट में बताया गया कि आपदा से 426 लोग घायल हुए हैं और 47 लोग लापता हैं। इसके अलावा, 1,440 पशुओं की मौत भी दर्ज की गई है। राज्य को कुल 3,979.52 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जिसमें सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे दोनों को भारी क्षति पहुंची है।
राज्य भर में 1,087 सड़कें बंद पड़ी हैं, 2,838 बिजली आपूर्ति लाइनें और 509 जलापूर्ति योजनाएं ठप हो चुकी हैं। एसडीएमए के मुताबिक, मंडी जिले में वर्षा जनित मौतों की संख्या सबसे ज्यादा 36 रही। इसके बाद कांगड़ा में 31, शिमला और चंबा में 21-21, कुल्लू में 20 लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अब तक 37 लोग भूस्खलन, 33 डूबने, 17 बादल फटने, 15 बिजली गिरने और अन्य कारणों से 28 लोग मारे गए।
एसडीएमए के प्रवक्ता ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़कें, जलापूर्ति योजनाएं और बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से कृषि, बागवानी और पशुधन को भी अभूतपूर्व नुकसान पहुंचा है।
इसी बीच, भारतीय वायु सेना ने मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया। पहली उड़ान में 50 तीर्थयात्री भरमौर से चंबा सुरक्षित पहुंचाए गए। राज्य के मंत्री जगत सिंह नेगी की देखरेख में बचाव अभियान जारी है और सभी श्रद्धालुओं को शुक्रवार तक सुरक्षित निकालने की योजना है।