Income Tax Bill 2025: सरकार ने आयकर विधेयक वापस लिया, सोमवार को नया बिल करेंगे पेश, नए कानून से यह होगा फायदा
Income Tax Bill 2025: सभी करदाताओं को लाभ पहुँचाने के लिए स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं। सरकार के अनुसार, नई संरचना मध्यम वर्ग के करों को काफी हद तक कम करती है और उनके हाथों में ज़्यादा पैसा छोड़ती है, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलता है।
Publish Date: Fri, 08 Aug 2025 05:54:16 PM (IST)
Updated Date: Fri, 08 Aug 2025 06:17:40 PM (IST)
आयकर विधेयक 2025HighLights
- आयकर विधेयक का एक नया संस्करण सोमवार को संसद में पेश किया जाएगा।
- यह नया कानून पुराने कर ढांचे को सरल बनाएगा, कानूनी भ्रम को कम करेगा।
- करदाताओं, एमएसएमई को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा।
एजेंसी, नई दिल्ली। मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया आयकर विधेयक, 2025 औपचारिक रूप से वापस ले लिया गया है।
भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशों को शामिल करते हुए, आयकर विधेयक का एक नया संस्करण सोमवार को संसद में पेश किया जाएगा।
विधेयक के विभिन्न संस्करणों से उत्पन्न भ्रम से बचने और सभी परिवर्तनों को शामिल करते हुए एक स्पष्ट और अद्यतन संस्करण प्रदान करने के लिए, आयकर विधेयक का नया संस्करण सदन के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
इस विधेयक की समीक्षा के लिए उत्तरदायी संसदीय प्रवर समिति के अध्यक्ष श्री पांडा के अनुसार, पारित होने के बाद, यह नया कानून भारत के दशकों पुराने कर ढांचे को सरल बनाएगा, कानूनी भ्रम को कम करेगा और व्यक्तिगत करदाताओं तथा एमएसएमई को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा।
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- पांडा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 में 4,000 से ज़्यादा संशोधन हो चुके हैं और इसमें 5 लाख से ज़्यादा शब्द हैं। यह बहुत जटिल हो गया है। नया विधेयक इसे लगभग 50 प्रतिशत तक सरल बनाता है - जिससे आम करदाताओं के लिए इसे पढ़ना और समझना कहीं ज़्यादा आसान हो जाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस सरलीकरण का सबसे ज़्यादा लाभ छोटे व्यवसाय मालिकों और एमएसएमई को होगा, जिनके पास अक्सर जटिल कर संरचनाओं से निपटने के लिए कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञता का अभाव होता है।
नए उपाय प्रत्यक्ष कराधान की एक निष्पक्ष और न्यायसंगत प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे देश के कामकाजी और मध्यम वर्ग पर प्रत्यक्ष करों का कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े। ![naidunia_image]()
- सभी करदाताओं को लाभ पहुँचाने के लिए स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं। सरकार के अनुसार, नई संरचना मध्यम वर्ग के करों को काफी हद तक कम करती है और उनके हाथों में ज़्यादा पैसा छोड़ती है, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलता है।
- वित्त अधिनियम, 2025 ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए के तहत कर छूट का दावा करने हेतु आय सीमा को धारा 115बीएसी के अंतर्गत नई कर व्यवस्था के अंतर्गत कर योग्य निवासी व्यक्तियों के लिए 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है, और अधिकतम छूट राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, नई कर व्यवस्था के तहत पहले दी गई सीमांत राहत 12,00,000 रुपये से थोड़ी अधिक आय पर भी लागू होगी। नया आयकर विधेयक आम नागरिकों और छोटे व्यवसायों के लिए कर दाखिल करना आसान बना देगा।