ट्रंप की मनमानी पर भारत-रूस-चीन की कूटनीतिक एकजुटता, अमेरिका को मिला कड़ा संदेश
मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस, चीन और भारत पर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। लेकिन इन तीनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क भी बढ़ते जा रहे हैं, जो अमेरिका को स्पष्ट संदेश देता है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते 70 देशों से आयात पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की, जिसमें भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। इसके साथ ही रूस से तेल
Publish Date: Sat, 09 Aug 2025 03:51:15 AM (IST)
Updated Date: Sat, 09 Aug 2025 03:51:15 AM (IST)
ट्रंप के दवाब में भारत झुकने के लिए नहीं तैयार।HighLights
- ट्रंप के दवाब में भारत झुकने के लिए नहीं तैयार।
- प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से फोन पर की बातचीत।
- भारत ने अमेरिका को दिया एक कड़ा संकेत ।
एजेंसी, नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप( Donald Trump) ने रूस, चीन और भारत(India, Russia, China) पर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। लेकिन इन तीनों देशों के बीच कूटनीतिक संपर्क भी बढ़ते जा रहे हैं, जो अमेरिका को स्पष्ट संदेश देता है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की, जिसके तुरंत बाद पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संवाद किया।
मोदी के स्वागत में चीन तैयार
चीन ने मोदी की आगामी यात्रा का स्वागत करते हुए इसे दोस्ती का प्रतीक बताया। इस तरह पिछले 24 घंटों में ब्रिक्स के चार संस्थापक देशों भारत, चीन, रूस और ब्राजील के शीर्ष नेताओं के बीच संवाद हुआ, जो अमेरिका के दबाव के खिलाफ अपनी साझेदारी को मजबूत करने का संकेत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पुतिन से यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की और भारत-रूस के विशेष रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने पर सहमति जताई। पुतिन इस साल के अंत तक भारत दौरे पर आएंगे। इसके अलावा, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हाल ही में मॉस्को में पुतिन से मिले हैं, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर जल्द ही रूस और चीन की यात्रा पर जाएंगे।
ट्रंप का टैरिफ वॉर
ट्रंप ने पिछले हफ्ते 70 देशों से आयात पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा की, जिसमें भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। इसके साथ ही रूस से तेल खरीदने के कारण भी भारत पर शुल्क लगाया गया है। भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे अन्यायपूर्ण बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी किसानों और मछुआरों के हितों के लिए कदम उठाने की बात कही है, भले ही इससे व्यक्तिगत नुकसान हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के ये कदम भारत-अमेरिका संबंधों में पिछले दो दशकों की प्रगति को प्रभावित कर सकते हैं। मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला दा सिल्वा से भी बातचीत की है, जो अमेरिका के दबाव में है।