डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बल (Indian Armed Forces) इस साल ऑपरेशन सिंदूर में सफल उपयोग के बाद इजरायल से और अधिक Heron UAV drones खरीदने जा रहे हैं। इन ड्रोन को भविष्य में हवा से दागी जाने वाली Spike NLOS (Non-Line of Sight) Anti-Tank Guided Missiles से लैस करने की भी योजना है।
हेरान ड्रोन का इस्तेमाल पहले से ही भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना कर रही है। खुफिया एजेंसियां भी इनका उपयोग विशेष अभियानों में करती हैं। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सेना नए ऑर्डर पर काम कर रही है और मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन ड्रोन ने इंटेलिजेंस, निगरानी और रेकग्नाइजेंस (ISR) मिशनों में अहम भूमिका निभाई।
सशस्त्र बलों का एक वर्ग अब इन्हें हथियारों से लैस करने पर काम कर रहा है। स्पाइक मिसाइलों से सुसज्जित होने पर हेरान ड्रोन सीमा पार दुश्मन के ठिकानों को भी सटीकता से निशाना बना सकेंगे। वर्तमान में इनका उपयोग मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान सीमा पर लंबी दूरी की निगरानी में हो रहा है।
भारत ने हाल के वर्षों में उन्नत Heron Mark-2 UAVs भी खरीदे हैं, जिनमें सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम लगा है। ये ड्रोन लंबे समय तक हवा में रहकर मिशन पूरे कर सकते हैं। इसके साथ ही, भारत का अपना स्वदेशी कार्यक्रम भी चल रहा है, जिसके तहत प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया से 87 नए UAV खरीदे जाएंगे।
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