एजेंसी,नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े रक्षा सौदों में से एक को मंजूरी देते हुए 62,000 करोड़ रुपये में 97 स्वदेशी एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद पर मुहर लगा दी है। इन विमानों का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) करेगी। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
दूसरा ऑर्डर, पहले भी मिले थे विमान
यह एलसीए मार्क 1ए के लिए सरकार का दूसरा ऑर्डर है। इससे पहले लगभग 48,000 करोड़ रुपये में 83 लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी जा चुकी है।
मिग-21 की जगह लेंगे स्वदेशी विमान
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यक्रम से भारतीय वायुसेना अपने पुराने मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर स्वदेशी विमानों से बेड़े को मजबूत करेगी।
रक्षा उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
पूरी तरह स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय से समर्थित है। इससे न केवल स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि देशभर में रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को भी बड़ा व्यापारिक लाभ होगा।
एचएएल के पुनरुद्धार पर फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार एचएएल के पुनरुद्धार पर जोर देते रहे हैं। मौजूदा सरकार के दौरान एचएएल को लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और उनके इंजनों के उत्पादन के लिए कई अहम ऑर्डर मिले हैं।
पीएम मोदी की ऐतिहासिक उड़ान
प्रधानमंत्री मोदी ने एलसीए के ट्रेनर वर्जन में उड़ान भरकर इतिहास रचा था। यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
उन्नत तकनीक से लैस
नए एलसीए मार्क 1ए विमानों में पहले के 40 विमानों की तुलना में कहीं अधिक उन्नत एवियोनिक्स और रडार होंगे। इन विमानों में 65 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।