
डिजिटल डेस्क।(History of indian navy day) चारों तरफ नीला समंदर और बीच में नौसेना की ऐसी उपस्थिति, जिसके ऊपर दुनिया के सभी देशों को भरोसा है कि अगर यह मौजूद है, तो समुद्री लुटेरे उसका कुछ नहीं कर सकते। एक ऐसी नौसेना, जो अपनी वीरता और साहस के लिए पूरी दुनिया में पहचान रखती है,वह है भारतीय नौसेना। आपने अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा या कहीं पढ़ा होगा कि अगर इस बार पाकिस्तान के साथ युद्ध होता है, तो उसमें भारतीय नौसेना का अहम रोल होने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में कहा था कि भारत हिंद महासागर में ‘गार्जियन’ की भूमिका निभाएगा। यह तभी संभव है, जब भारतीय नौसेना पूरी मजबूती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाए। यही कारण है कि भारतीय नौसेना के कारनामों को याद करने के लिए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। चलिए, आपको बताते हैं कि अभी तक भारतीय नौसेना ने कहां-कहां अपना लोहा मनवाया है।
दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक
अगर भारतीय नौसेना की ताकत की बात करें, तो यह विश्व की पांचवीं सबसे ताकतवर नौसेना है। साल 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट चलाकर कराची बंदरगाह में तीन पाकिस्तानी युद्धपोतों को नेस्तनाबूद कर दिया गया था। इसी मिशन में मिली सफलता के बाद हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। हमारी नौसेना देश की रक्षा के लिए दिन-रात मुस्तैद रहती है। साथ ही चीन और पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
कब हुई थी भारतीय नौसेना की शुरुआत
भारतीय नौसेना की शुरुआत के बारे में बात करें, तो इसका इतिहास काफी पुराना है। छत्रपति शिवाजी महाराज को "भारतीय नौसेना का जनक" कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने 17वीं सदी में मराठा नौसेना की स्थापना की, मजबूत नौसैनिक अड्डे बनाए और समुद्री युद्ध की नई रणनीतियाँ विकसित कीं। वैसे तो भारतीय नौसेना की शुरुआत 5 सितंबर 1612 में हुई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के युद्धपोतों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पर पहुंचा था। वर्ष 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना हुई। 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र लागू होते ही भारतीय नौसेना ने रॉयल नाम को त्याग दिया।
भारतीय नौसेना की ताकत
अगर भारतीय नौसेना की बात करें, तो हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान इसके आसपास कहीं नहीं टिकता। नौसेना के पास INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। इसके अलावा कई विध्वंसक युद्धपोत, फ्रिगेट और कॉर्वेट भी शामिल हैं। अगर पनडुब्बियों की बात करें, तो नेवी के पास 17 से अधिक पनडुब्बियाँ हैं, जिनमें से कुछ में परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता भी है। इसके साथ ही 39 से अधिक पेट्रोल शिप, 150 वेसल व सबमरीन और करीब 300 एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं। नौसेना के बेड़े में एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट, कॉर्वेट, सबमरीन, पेट्रोल वेसल और एम्फीबियस वॉरफेयर शिप शामिल हैं।
कितने नौसैनिक
अब बात करें कि भारतीय नौसेना में कितने सैनिक हैं, तो लगभग 67,252 सक्रिय नौसैनिक और 75,000 रिज़र्व नौसैनिक हैं। इनमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी है।
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मरीन कमांडो फोर्स (MARCOS)
यह भारतीय नौसेना की स्पेशल फोर्स यूनिट है। यह 1987 में अस्तित्व में आई। त्वरित कार्रवाई, आतंकवाद-रोधी अभियान और छद्म युद्ध इस फोर्स की मुख्य भूमिकाएं हैं। 26/11 मुंबई आतंकी हमले में ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों को बचाने में भी इनका सहयोग लिया गया था।
प्रमुख अभियान
नौसेना की उन्नत शक्ति
एयरक्राफ्ट कैरियर
भारतीय नौसेना के बेड़े में INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत दो महत्वपूर्ण एयरक्राफ्ट कैरियर हैं। इन्हें कोलकाता-क्लास और विशाखापत्तनम-क्लास जैसे शक्तिशाली डिस्ट्रॉयर का सपोर्ट मिलता है।
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फ्रिगेट
ये मीडियम साइज की वॉरशिप होती हैं, जिन्हें मिसाइल डिस्ट्रॉयर से एक पायदान नीचे रखा जाता है। भारतीय नौसेना के पास शिवालिक-क्लास फ्रिगेट हैं, जो अपनी ताकत के लिए जाने जाते हैं। इनमें INS नीलगिरी, INS तुषिल, INS तमाल और INS हिमगिरी मुख्य रूप से शामिल हैं। इसी साल पीएम मोदी ने INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया।