नईदुनिया, जबलपुर। ‘रेलवे की ओर से यात्री सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। यात्री ट्रेनें समय पर चलें। यात्रियों को बेहतर रेल यात्रा अनुभव प्राप्त हो, इसके लिए आधुनिकीकरण किया गया है। न केवल व्यवस्था बनाने के लिए, बल्कि यदि कोई शिकायत आती है तो उसके तत्काल निवारण के प्रयास किए जा रहे हैं।’
पश्चिम मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हर्षित श्रीवास्तव ने हैलो नईदुनिया प्रोग्राम में हिस्सा लेते हुए आगे कहा, कई बार यात्री चलती ट्रेन में किसी प्रकार की समस्या होने पर असमंजस में पड़ जाते हैं कि किसे पीड़ा बताएं। ऐसी स्थिति में सबसे पहले यात्री को ट्रेन के टीटीई से संपर्क करना चाहिए। कोच अटेंडेंट से भी सहायता मांग सकते हैं।
139 डायल करें
सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने रेल सुविधा, शिकायत और निवारण पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि चलती ट्रेन में यदि सुरक्षा संबंधी परेशानी पर यात्री रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) से भी संपर्क कर सकते हैं। रेल मदद एप में जाकर अपनी शिकायत पंजीबद्ध कर सकते हैं।
सुरक्षा, चिकित्सा सहित अन्य किसी आकस्मिक सहायता के लिए रेलवे को सूचित कर सकते हैं। ट्रेन में गंदगी, शौचालय में पानी समाप्त होने, चादर-कंबल गंदे होने, कोच अटेंडेंट के व्यवहार अनुचित होने और कोई अन्य परेशानी होने पर 139 डायल करें। ये रेलवे का टोल फ्री नंबर है।
इस पर पंजीबद्ध होने वाली शिकायतों की निगरानी की जाती है। संबंधित ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंचते ही शिकायत का निदान कर दिया जाता है।
प्रमुख सवाल और जवाब
सवाल: प्रतीक्षा सूची की टिकट लेकर यात्री ट्रेन में चढ़ जाते हैं। फिर किसी भी सीट के कोने में कब्जा लेते हैं। समस्या होती है। इसे राेकने उपाय करिए। - कल्पना सरोदे, सिवनी
- जवाब: चार्ट बनने तक यदि सीट कन्फर्म नहीं हुई, तो ई-टिकट निरस्त हो जाती है। मेनुअल टिकट पर भी यदि बर्थ आवंटित नहीं है, तो प्रतीक्षा सूची पर यात्रा के लिए यात्री अधिकृत नहीं है। टीटीई जांच करते हैं, ऐसे यात्रियों को ट्रेन से उतारा भी जाता है। प्रतीक्षा सूची कम करने के लिए समय-समय पर ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाएं जा रहे है। स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है।
सवाल: ट्रेन आउटर पर रुकती है और किन्नर चढ़ जाते हैं। ये अभद्रता करते हुए रुपये मांगते हैं। इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? - आशीष यादव, जबलपुर
- जवाब: आरपीएफ की गश्त बढ़ाई गई है। ऐसे मामले रोकने निगरानी की जा रही है। यदि यात्री की शिकायत प्राप्त होती है, तो तुरंत अराजकता फैलाने वालों पर आरपीएफ कार्यवाही भी कर रही है।
सवाल: ट्रेन में यात्रा के दौरान यदि किसी प्रकार की इमरजेंसी हो, तो सहायता कैसे मिलेगी? - विजय पांडे, भेड़ाघाट
- जवाब: टीटीई, कोच अटेंडेंट को सूचित करें। रेल मदद एप, रेलवे और आरपीएफ के सहायता नंबर है। इसकी जानकारी ट्रेन के कोच में भी अंकित रहती है। इनका प्रयोग कर सूचित कर सकते है।
सवाल: महाकुंभ स्पेशल ट्रेन चल रही है फिर भी प्रयागराज की कन्फर्म टिकट नहीं है। आखिर हम वृद्धजन यात्रा कैसे करें? - सविता अग्रवाल, तिलहरी
- जवाब: पश्चिम मध्य रेल की ओर आठ महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेन संचालित की जा रही है। कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए गए है। यात्री संख्या पर नजर रख रहे हैं। यदि आवश्यकता होगी तो और स्पेशल ट्रेन चलाएंगे।
सवाल: ट्रेन में एसी डिब्बे बढ़ा रहे हैं। जरूरत स्लीपर और जनरल काेच बढ़ाने की है, इनमें हमेशा भीड़ रहती है। इस दिशा में कुछ कर रहे हैं क्या? - अतुल श्रीवात्री, रांझी
- जवाब: प्रत्येक आरक्षित ट्रेन में सामान्य श्रेणी के दो-दो कोच बढ़ाए गए हैं। यात्री दबाव होने पर कई ट्रेनों में स्लीपर के अतिरिक्त कोच जोड़े जा रहे हैं। अंत्योदय एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी संचालित की जा रही है, जो कि पूर्णत: अनारक्षित होती है।
सवाल: वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में किराए में दी जाने वाली छूट की सुविधा कब से मिलेगी? - एसएस तिवारी, मझगवां
- जवाब: रेल यात्रा किराया को लेकर रेल मुख्यालय स्तर पर निर्णय होता है। यह मामला रेलवे बोर्ड स्तर पर विचाराधीन है।
सवाल: मैं अक्सर अकेले यात्रा करती हूं। एक-दो बार अप्रिय स्थिति निर्मित हुई। चलती ट्रेन में यदि कोई मदद चाहिए तो क्या करें, कहां संपर्क करें? - शिप्रा जैन, अधारताल
- जवाब: अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की जानकारी आरपीएफ रखती है। यात्रा आरंभ के स्टेशन पर महिला पुलिसकर्मी सहायता नंबर की जानकारी देती है। चलती ट्रेन में टीटीई और 139 पर फोन कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
सवाल: ट्रेन और स्टेशन में खानपान की सामग्री की गुणवत्ता में समस्या रहती है। इसमें सुधार कब होगा। - ब्रम्हमूर्ति तिवारी, कैमोर
- जवाब: आईआरसीटीसी के माध्यम से गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री परोसी जा रही है। रेल अधिकारी समय-समय पर कैंटीन, फूड स्टॉल की जांच करते है। गुणवत्ता में कमी पर जुर्माना वसूला जाता है। खानपान व्यवस्था में सुधार हुआ है।
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