एजेंसी, नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing) फाइल करना हर करदाता की जिम्मेदारी है। हालांकि, कई बार टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) समय पर नहीं मिलता, जबकि रिटर्न सही समय पर जमा किया गया हो। इसकी बड़ी वजह होती है फाइलिंग के दौरान की गई लापरवाही। आइए समझते हैं वे मुख्य गलतियां जिनसे आपका टैक्स रिफंड अटक सकता है।
सिर्फ आईटीआर फाइल करना पर्याप्त नहीं है। इसे फाइलिंग के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफाई (e-verification) करना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो विभाग आपका आईटीआर अधूरा मान लेता है और रिफंड रुक जाता है। कई मामलों में करदाताओं को ₹5,000 तक का जुर्माना भी भरना पड़ता है।
एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS Data) में आपकी आय, बैंक खाते और निवेश की सभी जरूरी जानकारी होती है। यदि एआईएस और आईटीआर के आंकड़े मेल नहीं खाते तो टैक्स विभाग आपका रिफंड रोक सकता है और नोटिस भी भेज सकता है। इसलिए आईटीआर फाइल करते समय एआईएस डेटा से हर विवरण का मिलान करना बेहद जरूरी है।
टैक्स विभाग अलग-अलग करदाताओं के लिए अलग फॉर्म जारी करता है। असेसमेंट ईयर 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए विभाग ने आईटीआर 1 से लेकर आईटीआर 7 तक फॉर्म जारी किए हैं।
यदि करदाता गलत फॉर्म चुन लेते हैं तो उनका रिफंड अटक सकता है और उन्हें अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
A fake news is in circulation stating that the due of filing ITRs (originally due on 31.07.2025, and extended to 15.09.2025) has been further extended to 30.09.2025.
✅ The due date for filing ITRs remains 15.09.2025.
Taxpayers are advised to rely only on official… pic.twitter.com/F7fPEOAztZ
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) September 14, 2025
इनकम टैक्स रिफंड को समय पर पाने के लिए सावधानी जरूरी है। सही फॉर्म का चयन करें, एआईएस डेटा से मिलान करें और समय पर ई-वेरिफिकेशन जरूर करें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बिना परेशानी के रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
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