एजेंसी,दुमका। झारखंड के दुमका जिले में रानीश्वर प्रखंड के मुरुगुनी गांव में 1313 करोड़ रुपये की लागत से बन रही राज्य की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आ रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस साल अक्टूबर तक दो डिलीवरी चैंबर के जरिए लगभग 6700 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलने लगेगी। हालांकि परियोजना की पूरी तैयार मई 2026 तक होगी, जबकि शुरुआत में इसे मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था।
अब तक परियोजना का 87 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। योजना के तहत रानीश्वर और मसलिया प्रखंड के 22,283 हेक्टेयर भूभाग को पंपिंग सिस्टम से सिंचाई सुविधा दी जाएगी। इसके लिए कुल पांच डिलीवरी चैंबर बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तरणी, आनंदपहाड़ी और कालीपाथर में काम तेजी से जारी है।
तालाब और जल संरक्षण को भी मिलेगा सहारा
इस योजना से न सिर्फ खेतों में पानी पहुँचेगा बल्कि तालाबों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। मुरुगुनी के मोहुलघट्टा में 157.5 मीटर लंबा बराज लगभग पूरा हो चुका है, जिसकी जल संग्रहण क्षमता 5 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। बराज के 15 गेट में से 10 लग चुके हैं और बाकी 5 पर काम जारी है।
मुख्य पाइपलाइन 1000 किलोमीटर लंबाई तक बिछाई जानी है, जिसमें 90% काम हो चुका है। इसके साथ ही इंटरमीडिएट पंप स्टेशन, 19 मीटर गहरे इंटेक वेल, कंट्रोल बिल्डिंग और बिजली आपूर्ति का काम भी अंतिम चरण में है।
ब्लूप्रिंट के अनुसार बराज के जरिए रानीश्वर और मसलिया के 226 गांवों के तालाबों में पानी भरा जाएगा, जिससे भूमिगत जलस्तर भी बढ़ेगा।
खेती में आएगा बदलाव
इस सिंचाई सुविधा से किसान धान, दहलन, अरहर, उड़द, मूंग, सरसों, कुल्थी, ग्राउंडनट, रागी, ज्वार, मक्का और सब्जियों की खेती सालभर कर सकेंगे। इससे न केवल फसल उत्पादन और आय में वृद्धि होगी, बल्कि पलायन पर भी रोक लगेगी और हरियाली का दायरा बढ़ेगा।
जमीन अधिग्रहण की स्थिति
परियोजना के लिए कुल 573 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है। अब तक 358.5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इसमें 225.32 एकड़ गैर मजरुआ जमीन में से 207 एकड़ ली जा चुकी है। वहीं, 175.88 एकड़ वन भूमि में से 87.41 एकड़ का अधिग्रहण हो चुका है। यह परियोजना पूरी तरह शुरू होने के बाद झारखंड के हजारों किसानों के लिए खेती का नया अध्याय लिखेगी।