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डिजिटल डेस्क। कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क दोबारा सक्रिय करने की कोशिश में जुटे जिहादी डॉक्टर आदिल अहमद राथर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आदिल राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अनंतनाग में तैनाती के दौरान अस्पताल का इस्तेमाल आतंकियों को मदद पहुंचाने और हथियार छिपाने के लिए कर रहा था। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर अस्पताल के लॉकर से एक असॉल्ट राइफल और कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की हैं।
अब तक इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आदिल को जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से दबोचा। वह कुछ महीनों से अंबाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत था और हाल ही में वहां एक महिला डॉक्टर से शादी की थी।
काजीगुंड निवासी आदिल 24 अक्टूबर 2024 तक जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में सेवाएं दे चुका है। पुलिस जांच में सामने आया कि आदिल अपने साथियों के साथ मिलकर श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर चिपकाने में भी शामिल था।
नेटवर्क दोबारा खड़ा करने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार, आदिल घाटी में जैश का नेटवर्क फिर से खड़ा करने की साजिश में जुटा था। पोस्टर लगाने और अन्य गतिविधियों को पूरा करने के बाद वह सहारनपुर लौट गया था।
छह लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं
नौगाम में पोस्टर लगने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालकर छह लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि जिनकी तलाश पुलिस कर रही थी, उनमें से एक दाढ़ी वाला व्यक्ति वास्तव में एक डॉक्टर है। यह डॉक्टर अपने नेटवर्क से कोड नामों के जरिए संपर्क में रहता था।
सबूत मिलने के बाद एसओजी टीम ने सहारनपुर में छापा मारकर आदिल को गिरफ्तार किया। फिलहाल पुलिस यह पता लगा रही है कि उसके संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल थे।