
डिजिटल डेस्क। बिहार में गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण से ठीक एक दिन पहले बुधवार को राजनीतिक हलचल तेज रहेगी। भाजपा और जदयू अपने-अपने विधायक दल की बैठक अलग-अलग करेंगे। इसके बाद एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को एक बार फिर एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके तुरंत बाद वे राजभवन जाकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
20 नवंबर को शपथ ग्रहण
नीतीश कुमार 20 नवंबर को गांधी मैदान में सुबह 11:30 बजे 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पटना पहुंचकर समारोह में शामिल होंगे, वहीं गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को ही आने वाले हैं। भाजपा ने एनडीए शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री–उप मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रण भेजा है।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार दो उप मुख्यमंत्रियों और करीब 20 मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे। कैबिनेट में भाजपा, जदयू के साथ लोजपा (रा), हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और रालोमो के विधायक भी शामिल होंगे।
मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने की कवायद
भाजपा कोटे के मंत्रियों की सूची गृह मंत्री अमित शाह अंतिम रूप दे रहे हैं, जबकि जदयू की सूची खुद मुख्यमंत्री तैयार कर रहे हैं। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा से संतोष कुमार सुमन फिर से मंत्री बनाए जाएंगे।
लोजपा (रा) से राजू तिवारी के साथ अनुसूचित जाति के किसी विधायक को भी जगह मिलने की संभावना है। रालोमो से प्रो. स्नेहलता का नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में है।
भाजपा ने बनाया पर्यवेक्षक
भाजपा विधायक दल के नेता के चयन के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वे पटना पहुंच चुके हैं। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के अनुसार, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व ने विधायक दल के नेता का नाम तय कर लिया है और बैठक में इसकी घोषणा की जाएगी। सर्वसम्मति से चुनाव होना तय माना जा रहा है। भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री होंगे, जिनमें विधायक दल का नेता भी शामिल रहेगा।