एजेंसी, भागलपुर। भागलपुर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। एसआइआर में यह पता चला कि दो पाकिस्तानी महिलाएं पिछले पांच दशकों से भागलपुर में रह रही थीं और उन्होंने बिना भारतीय नागरिकता के अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा लिया।
शादी और नौकरी के बाद बने मतदाता
इन दोनों महिलाओं ने भारत में ही शादी की और इनमें से एक महिला सरकारी स्कूल में शिक्षिका भी है। उन्होंने अपना आधार कार्ड बनवा लिया और हर चुनाव में मतदान किया। यह मामले में बड़ा सवाल उठता है कि कैसे बिना भारतीय नागरिकता के ये महिलाएं भारत की मतदाता बन गईं।
पुलिस की जांच और छापेमारी
अब पुलिस इनकी तलाश में स्थान-स्थान पर छापेमारी कर रही है, लेकिन ये महिलाएं अब तक मिल नहीं पाईं। उनके आधार कार्ड, स्कूल में हाजिरी और मतदान के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने इस मामले में रिपोर्ट भी मांगी है।
इमराना खातून का प्रोफ़ाइल
नगर निगम के राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय बरहपुरा में तैनात शिक्षिका इमराना खातून (उर्फ इमराना खानम) भी पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने मैट्रिक 1983 में और इंटर 1989 में पास किया। डीएलएड पीटीटीसी भागलपुर से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 2012 में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में नियुक्त हुईं। स्कूल में उनकी आखिरी ऑनलाइन हाजिरी 1 जुलाई 2025 को दर्ज हुई थी।
संदिग्ध गतिविधियों की गंभीरता
एसआइआर में पकड़ी गई इस गड़बड़ी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। तीन महीने के वीजा पर आई ये महिलाएं शादी करने के बाद नागरिकता की जानकारी छुपाकर भारत की मतदाता बन गईं। पुलिस इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है और उनका पता लगाने में लगी है।