डिजिटल डेस्क, इंदौर। हवाई यात्रा के दौरान अक्सर देखा जाता है कि विमान के टेकऑफ और लैंडिंग के समय एयर होस्टेस अपनी सीट पर बैठकर पैरों के नीचे हाथ दबा लेती हैं। यह सिर्फ एक फॉर्मैलिटी नहीं, बल्कि सुरक्षा और प्रैक्टिकलिटी(flight attendant safety) से जुड़ा नियम है।
सुरक्षा नियमों का पालन
टेकऑफ और लैंडिंग विमान के सबसे संवेदनशील स्टेज होते हैं। इस दौरान किसी भी तरह की असावधानी दुर्घटना का कारण बन सकती है। एयर होस्टेस को इन समयों में सीट बेल्ट पहनकर, हाथ पैरों के नीचे दबाकर बैठने का निर्देश दिया जाता है, ताकि अचानक झटके आने पर वे बैलेंस बनाए रख सकें और सुरक्षित रह सकें।
अचानक ब्रेक और बैलेंस बनाए रखना
लैंडिंग के बाद विमान तेजी से रुकता है। अगर एयर होस्टेस ने हाथ पैरों के नीचे न दबाए हों, तो वे झटके से आगे की ओर गिर सकती हैं। हाथों को पैरों के नीचे दबाने से शरीर का संतुलन बना रहता है और वे सीट से सटकर सुरक्षित रहती हैं।
आपातकालीन स्थिति के लिए तैयारी
टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान किसी भी इमरजेंसी की संभावना रहती है। इस पोजिशन में बैठने से एयर होस्टेस तुरंत उठकर यात्रियों की मदद कर सकती हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम रहती हैं।
एयरलाइन के नियमों का पालन
हर एयरलाइन के अपने सेफ्टी प्रोटोकॉल होते हैं। टेकऑफ और लैंडिंग के समय हाथ पैरों के नीचे रखना एयर होस्टेस के लिए अनिवार्य होता है।
शारीरिक सुरक्षा और आराम
लंबे समय तक खड़े रहने के बाद पैरों में थकान या दर्द हो सकता है। हाथ पैरों के नीचे रखने से आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। एयर होस्टेस द्वारा टेकऑफ और लैंडिंग के समय पैरों के नीचे हाथ दबाकर बैठना केवल नियम नहीं, बल्कि सुरक्षा, बैलेंस और प्रैक्टिकलिटी का एक अहम हिस्सा है।
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