
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: भाजपा 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horror Memorial Day) मना रही है। इस मौके पर पार्टी ने खास वीडियो जारी कर देश के विभाजन के लिए कांग्रेस पर निशाना साथा। भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वीडियो जारी करते हुए लिखा गया, '14 अगस्त का दिन ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने की न केवल याद दिलाएगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव की भावना भी मजबूत होगी। आइए, उन वीर सपूतों को नमन करें, जिन्होंने ‘विभाजन की विभीषिका’ झेली है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर ट्वीट किया। नीचे देखिए वीडियो
भाजपा ने कहना है, 'जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी। उस समय कहाँ थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की ज़िम्मेदारी थी?।'
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया, '14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है। लाखों लाख लोग विस्थापित हुए और जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। क्या प्रधानमंत्री आज जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने शरत चंद्र बोस की इच्छा के खिलाफ बंगाल के विभाजन का समर्थन किया था, और स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट में शामिल हुए, जब विभाजन के दर्दनाक परिणाम स्पष्ट रूप से सामने आ रहे थे? देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।।'
Partition Horror Memorial Day: पीएम मोदी का ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, आज, 'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई, और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर में पीड़ित सभी लोगों के धैर्य की सराहना करता हूं।
जिन लोगों को भारत की सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता, मूल्यों, तीर्थों का कोई ज्ञान नहीं था, उन्होंने मात्र तीन सप्ताह में सदियों से एक साथ रह रहे लोगों के बीच सरहद खींच दी।
उस समय कहाँ थे वे लोग जिन पर इन विभाजनकारी ताक़तों के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की ज़िम्मेदारी थी?#विभाजन_विभीषिका pic.twitter.com/t1K6vInZzQ
— BJP (@BJP4India) August 14, 2022
14 अगस्त का दिन ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने की न केवल याद दिलाएगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव की भावना भी मजबूत होगी।
आइए, उन वीर सपूतों को नमन करें, जिन्होंने ‘विभाजन की विभीषिका’ झेली है। pic.twitter.com/39hQHUbEsC
— BJP (@BJP4India) August 13, 2022
पटेल व बोस होते गांधी के सहायक तो टल सकता था देश का बंटवाराः इंद्रेश कुमार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के एक निर्णय पर अफसोस जताया है। राजस्थान के जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्नाा की जगह महात्मा गांधी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं सुभाष चंद्र बोस को अपना सहायक चुना होता तो देश का बंटवारा टाला जा सकता था।