
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वडवगर रेलवे स्टेशन (Vadnagar Railway Station) का डिजिटल उद्घाटन करेंगे। जहां मोदी का कहना है कि बचपन में चाय बेचा करते थे। उद्घाटन के साथ वडनगर ब्रॉड गेज सेंट्रल रेलवे (Broad Gauge Central Railways) के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ जाएगा। वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट के तहत पुर्नोत्थान वडनगर रेलवे स्टेशन को हेरिटेज लुक दिया गया है। पीएम के पिता की चाय की दुकान को उसी स्थान पर बनाए रखा गया है।
सुधार परियोजना की शुरूआत 2017 में हुई है। वडनगर, मोढेरा और पाटन को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए 100 करोड़ की कई परियोजनाओं में से एक है। तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि स्टॉल को पर्यटन स्थल में बदलना मोदी के जन्मस्थान, मेहसाणा जिले के वडनगर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर रखने की एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है।
वडनगर में क्या खास है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का जन्मस्थान होने के अलावा, वडनगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र है। जिसमें प्रसिद्ध शर्मिष्ठा झील और एक बावड़ी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने एक खुदाई के दौरान एक बौद्ध मठ के अवशेषों की खोज की थी। चीनी यात्री ह्रेन त्सांग (Hiuen Tsang) ने भी भारत में अपनी यात्रा के दौरान वडनगर का दौरा किया।
वडनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जब गुजरात का दौरा किया, तो उन्होंने मुझसे कहा, 'आपके जन्मस्थान का चीन में मेरे जन्मस्थान से विशेष संबंध है।' पीएम ने कहा कि चीनी यात्री ह्रेन त्सांग अपनी भारत यात्रा के दौरान वडनगर में रुके थे और जब वह चीन लौटे, तो वे जिनपिंग के गृहनगर जियान में रहे। चीनी यात्री को कथित तौर पर वडनगर में 1,000 से कम भिक्षुओं के साथ दस बौद्ध मठ मिले थे। बता दें नरेंद्र मोदी कई मौकों पर वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने के अपने बचपन के अनुभव के बारे में बता चुके हैं।