एजेंसी, चंडीगढ़। दशकों में आई अपनी सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा पंजाब प्राकृतिक आपदा (natural disaster) की मार से बुरी तरह प्रभावित है। इस बाढ़ में अब तक 30 लोगों की जान चली गई है और करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
मंगलवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। Punjab administration (पंजाब प्रशासन) ने बताया कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक जारी बुलेटिन के अनुसार पहले 12 जिले बाढ़ की चपेट में थे, लेकिन अब all 23 districts (सभी 23 जिले) को flood-hit घोषित किया गया है।
कुल 1,400 गांवों में बाढ़ का असर देखा गया है, जिससे अब तक 3,54,626 लोग सीधे प्रभावित हुए हैं। 12 जिलों में आई इस बाढ़ में कुल 30 मौतें हुई हैं। Pathankot (पठानकोट) में सबसे ज्यादा छह लोग मारे गए।
20,000 लोग rescue किए गए
जानकारी के अनुसार, अब तक लगभग 20,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला जा चुका है। पंजाब 1988 के बाद आई सबसे severe flood (भयंकर बाढ़) से जूझ रहा है।
राज्य के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, Punjab के सभी IPS officers (आईपीएस अधिकारी) ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन की salary दान करने का संकल्प लिया। DGP Gaurav Yadav ने कहा कि यह योगदान चल रहे relief and rehabilitation efforts (राहत और पुनर्वास प्रयासों) में मदद करेगा।
भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित पंजाब और Jammu-Kashmir के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से दोनों राज्यों के लिए ₹5-5 करोड़ की financial aid (वित्तीय सहायता) जारी की।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री का दौरा
Governor Gulab Chand Kataria और CM Bhagwant Mann ने मंगलवार को अलग-अलग flood-hit areas (बाढ़ प्रभावित इलाकों) का दौरा किया।
“Punjab हमेशा देश के साथ खड़ा रहा है” भगवंत मान
Firozpur जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करते हुए CM Mann ने कहा कि पंजाब संकट के समय हमेशा देश के साथ खड़ा रहा है और उम्मीद है कि अब देश भी पंजाब के साथ खड़ा होगा।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए दिए जाने वाले अल्प मुआवजे (relief compensation) पर चिंता व्यक्त की और केंद्र सरकार से राहत मानदंड (relief norms) बढ़ाने की मांग की।
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